मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है।
सूत्रों ने बताया कि इस बात पर चर्चा चल रही है कि ऐसे वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी व्यक्ति, जिनकी मासिक आय 4,67,000 पाकिस्तानी रुपये से थोड़ी अधिक है, उनसे 45 प्रतिशत की नयी भारी-भरकम आयकर दर वसूली जाए या नहीं।
आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को इस सप्ताह यह कर्ज दे दिया जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सऊदी अरब के रियाद में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात के एक दिन बाद ऋण को मंजूरी दी गई है।
Pakistan Economic Crisis : पाकिस्तान ने आईएमएफ से एक और राहत पैकेज की डिमांड की है। इसने 6-8 अरब डॉलर का राहत पैकेज मांगा है।
IMF की ओर से भारत द्वारा चुनावी वर्ष में राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने की तारीफ की है। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और बहुत अच्छी स्थिति में है।
आईएमएफ ने उम्मीद जताई थी कि वर्ष 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इसके अलावा वर्ष 2025 में भी यही वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया गया है।
आईएमएफ द्वारा कहा गया है कि वर्किंग क्लास लोगों की बढ़ती हुई आबादी और घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा मिल रहा है।
सुब्रमण्यम ने 28 मार्च को नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर देश पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर देता है और सुधारों में तेजी लाता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
सुब्रमण्यन ने कहा कि अगर भारत 8 प्रतिशत की दर से बढ़ता है, तो साल 2047 तक भारत 55 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। ऐतिहासिक रूप से 1991 के बाद से, भारत की औसत वृद्धि 7 प्रतिशत से थोड़ी अधिक रही है।
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल पाकिस्तान के लिए तीन अरब डॉलर की राहत व्यवस्था को मंजूरी दी थी। पाकिस्तान ने एक नया मध्यम अवधि का बेलआउट पैकेज लेने में रुचि दिखाई है।
वैश्विक ऋणदाता IMF पहले ही कर्ज की दो किश्तें प्रदान कर चुका है और मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत तक 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अंतिम किश्त मिलने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में आर्थिक हालात बेहद बदतर हैं। लगातार कर्ज पर निर्भर पाकिस्तान पर कर्ज और भी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। वहां आसमान छूती महंगाई से आम लोग त्रस्त हैं। पूरी इकोनॉमी का खस्ता हाल है।
IMF की ओर से भारत की अर्थव्यवस्था को स्टार परफॉर्मर बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मनना है कि मजबूत घरेलू मांग और पूंजीगत खर्च के कारण भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेगी।
आईएमएफ ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर 2023 में 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। आईएमएफ का हालिया वृद्धि अनुमान चालू वर्ष के लिए सरकार के 3.5 प्रतिशत के वृद्धि दर के लक्ष्य से कम है। हालांकि, यह विश्व बैंक और मनीला स्थित एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के हालिया अनुमान से काफी अधिक है।
पाकिस्तान की कुल विदेशी मुद्रा भंडार फिलहाल 12.6 अरब डॉलर है। खुदरा महंगाई मौजूदा साल में जुलाई से सितंबर के बीच 29 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
चीन लगातार पीछे होता जा रहा है। वहीं, भारत हर मोर्चे पर चीन से आगे निकलता जा रहा है। चीन मंदी की चपेट में है, जबकि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इसके चलते पूरी दुनिया भारत की ओर रुख कर रही है।
आईएमएफ (IMF) ने विकास अनुमान में बढ़ोतरी के लिए अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत को कारण बताया। साथ ही महंगाई के मोर्चे पर कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत रह सकती है।
यह सुस्ती ऐसे समय में आई है, जब दुनिया विनाशकारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है।
Fear of Global Inflation: भारत सरकार ने हाल ही में देश में अस्थिर खुदरा कीमतों को स्थिर करने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इससे ग्लोबल महंगाई बढ़ सकता है।
IMF ने 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर का अग्रिम भुगतान स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के खाते में स्थानांतरित कर दिया है।
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