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IMF द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे कर्ज पर भारत ने जताया विरोध, वोटिंग से बनाई दूरी

भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आईएमएफ से कर्ज लेता आ रहा है, जिसका क्रियान्वयन और आईएमएफ की कार्यक्रम शर्तों के पालन का रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : May 09, 2025 22:43 IST, Updated : May 09, 2025 22:43 IST
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Photo:IMF भारत ने आईएमएफ के मतदान से बनाई दूरी

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने आज 1 बिलियन डॉलर के एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) लेंडिंग प्रोग्राम कार्यक्रम की समीक्षा की। आईएमएफ ने इसके साथ ही पाकिस्तान के लिए 1.3 बिलियन डॉलर के एक नए रेसिलिएंस और सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF) लेंडिंग प्रोग्राम पर भी विचार किया। इस पूरे मामले में भारत ने एक एक्टिव और जिम्मेदार सदस्य देश के रूप में पाकिस्तान के मामले में IMF प्रोग्राम की प्रभावशीलता पर चिंता जताई। बताते चलें कि इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच काफी तनाव बना हुआ है।

काफी खराब है पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड 

भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आईएमएफ से कर्ज लेता आ रहा है, जिसका क्रियान्वयन और आईएमएफ की कार्यक्रम शर्तों के पालन का रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है। भारत ने पाकिस्तान के खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए और राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के लिए ऋण वित्तपोषण निधि (Debt Financing Funds) के दुरुपयोग की संभावना पर भी चिंता जाहिर की है।

पाकिस्तान पर कर्ज का जबरदस्त बोझ 

भारत ने आईएमएफ संसाधनों के दीर्घकालिक उपयोग के मूल्यांकन पर आईएमएफ रिपोर्ट के पाकिस्तान चैप्टर को फ्लैग किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक धारणा है कि पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा दिए जाने वाले कर्ज में राजनीतिक विचारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बार-बार बेलआउट के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान पर कर्ज का जबरदस्त बोझ है।

भारत ने आईएमएफ के मतदान से बनाई दूरी

भारत ने आतंकवाद संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान के लोन प्रोग्राम पर IMF के मतदान से दूरी बनाई। भारत ने बताया कि सीमा पार आतंकवाद के लगातार प्रायोजन को वित्तपोषित करना वैश्विक समुदाय को एक खतरनाक संदेश भेजता है, फंडिंग एजेंसियों और दाताओं को प्रतिष्ठा के जोखिम में डालता है और वैश्विक मूल्यों का मजाक उड़ाता है। भारत सरकार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के बयानों और मतदान से दूरी बनाए रखने को संज्ञान में लिया है।

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