Friday, December 12, 2025
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IMF ने पाकिस्तान पर डाला 11 नई शर्तों का दवाब, 7 अरब डॉलर के पैकेज में भ्रष्टाचार-रेमिटेंस सुधार को किया शामिल

IMF ने अब तक पाकिस्तान को 3.3 अरब डॉलर जारी किए हैं। पाकिस्तान को कुल 7 अरब डॉलर 39 महीनों की अवधि में मिलने हैं। पिछले डेढ़ साल में आईएमएफ द्वारा लगाए गए कुल शर्तों की संख्या अब 64 हो गई है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 12, 2025 08:13 pm IST, Updated : Dec 12, 2025 08:17 pm IST
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ। (फाइल फोटो)- India TV Paisa
Photo:AP पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ। (फाइल फोटो)

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान पर 7 अरब डॉलर के बचाव पैकेज के तहत 11 नई शर्तें लागू की हैं। इन शर्तों का मकसद भ्रष्टाचार कम करना, सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ाना और विभागों में वित्तीय रिसाव की पहचान करना है। हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब आईएमएफ ने गुरुवार को पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर जारी किया, जो देश में जलवायु लचीलापन बढ़ाने के लिए चल रहे ऋण कार्यक्रम का हिस्सा है।

नई शर्तों का मुख्य फोकस पावर सेक्टर में निजी भागीदारी के जरिए नुकसान कम करना, चीनी उद्योग में एलिट कब्जा रोकना और विदेशी रेमिटेंस की वास्तविक लागत का पता लगाना है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में आईएमएफ द्वारा लगाए गए कुल शर्तों की संख्या अब 64 हो गई है।

आईएमएफ की नई शर्तें क्या हैं?

पाकिस्तान को सर्वोच्च स्तर के नौकरशाहों की संपत्ति विवरण दिसंबर 2026 तक सरकारी वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होगी। यह कदम आय और संपत्ति के बीच असंगतियों की पहचान और पारदर्शिता बढ़ाने के आईएमएफ के प्रयासों के अनुरूप है। उच्च पदस्थ कर्मचारियों के लिए यह दायरा प्रांतीय सेवाओं तक बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही, बैंकों को नौकरशाहों के विवरणों तक पूर्ण पहुंच देने की अनुमति दी जाएगी।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार से कहा गया है कि वह 10 पहचाने गए विभागों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए व्यवस्थित एक्शन प्लान प्रकाशित करे। इस योजना का समन्वय नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) करेगा। राज्य स्तर पर प्रांतीय एंटी-करप्शन संस्थाओं को वित्तीय खुफिया जानकारी प्राप्त करने और वित्तीय जांच करने का अधिकार दिया जाएगा।

रेमिटेंस लागत को कम करना

IMF ने पाकिस्तान से कहा है कि वह रेमिटेंस लागत का विस्तृत अध्ययन करे और सीमा पार भुगतानों में आने वाली बाधाओं की पहचान करे। विदेशों से परिवार और रिश्तेदारों को भेजी जाने वाली धनराशि पाकिस्तान का सबसे बड़ा विदेशी वित्त पोषण स्रोत है। IMF ने पाकिस्तान से अगले मई तक कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा है, क्योंकि आने वाले वर्षों में रेमिटेंस लागत $1.5 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है।

चीनी उद्योग में एलिट कब्जा खत्म करना

IMF ने पाकिस्तान से कहा है कि वह चीनी बाजार की उदारीकरण के लिए राष्ट्रीय नीति अपनाए, ताकि उद्योग पर एलिट कब्जा रोका जा सके। नीति में लाइसेंसिंग, मूल्य नियंत्रण, आयात-निर्यात अनुमति जैसी सिफारिशें शामिल होने की संभावना है। इस नीति को लागू करने की समय सीमा जून 2026 तय की गई है। IMF ने अब तक पाकिस्तान को 3.3 अरब डॉलर जारी किए हैं ताकि मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरीकरण और जलवायु लचीलापन के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुधार किए जा सकें। पाकिस्तान को कुल 7 अरब 39 महीनों की अवधि में मिलने हैं।

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