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महंगाई को काबू करने के लिए अप्रैल की मौद्रिक समीक्षा में भी 0.25% बढ़ सकती है रेपो रेट: एक्सपर्ट

आरबीआई ने बुधवार को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत पर पहुंचा दिया।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Feb 08, 2023 23:24 IST, Updated : Feb 08, 2023 23:24 IST
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास - India TV Paisa
Photo:AP आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी के रुख पर कायम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अप्रैल में प्रस्तावित अगली मौद्रिक समीक्षा में भी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि कर सकता है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि अप्रैल की नीतिगत समीक्षा के दौरान रेपो दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि आरबीआई प्रमुख मुद्रास्फीति पर काबू पाने का रुख कायम रखता हुआ नजर आ रहा है। बरुआ ने कहा, अगले कुछ महीनों तक कुल मुद्रास्फीति के मध्यम रहने के बावजूद प्रमुख मुद्रास्फीति बनी रह सकती है और आरबीआई इसी को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है।

लगातार छठी बार रेपो रेट में की बढ़ोतरी 

आरबीआई ने बुधवार को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत पर पहुंचा दिया। एक्यूट रेटिंग की मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी का भी मानना है कि नीतिगत दर रेपो की वृद्धि पर विराम लगने के संकेत नहीं दिख रहे हैं। हालांकि इंडिया रेटिंग के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि आरबीआई अब नीतगत दर रेपो नहीं बढ़ाएगा लेकिन इसे कम करने के बारे में बिल्कुल नहीं सोचेगा। इसका मतलब है कि निकट भविष्य में इसके कम से कम मौजूदा स्तर पर रहने की संभावना बनी हुई है। एसबीआई के समूह मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने कहा कि आरबीआई का फेडरल रिजर्व के असर से बाहर निकलना जरूरी है और यह अप्रैल की नीतिगत समीक्षा से साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की मौद्रिक नीति अपनी जरूरतों से तय होनी चाहिए। 

महंगाई पर ध्यान बरकरारः बैंकर

देश के अग्रणी बैंकरों ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी करना उम्मीद के अनुरूप ही था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महंगाई की वृद्धि दर में कमी आने के बावजूद मौद्रिक समीक्षा में इस पर खास ध्यान दिया गया है। पंजाब नेशनल बैंक के प्रमुख और इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन ए के गोयल ने कहा, नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद थी। हाल के दिनों में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में गिरावट आने के बावजूद नीतिगत समीक्षा में उस पर और ज्यादा नियंत्रण पर जोर दिया गया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि अमेरिकी रोजगार आंकड़ों में निरंतर मजबूती आने से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए मौद्रिक नीति में संतुलन साधना एक मुश्किल काम हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दर बढ़ोतरी से इतर कई नियामकीय मोर्चों पर आरबीआई ने महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। विदेशी कर्जदाता स्टैंडर्ड चार्टर्ड की भारत में प्रमुख जरीन दारुवाला ने कहा कि रिजर्व बैंक ने आगामी वित्त वर्ष की पहली छमाही में वृद्धि दर अनुमान सात प्रतिशत से ज्यादा रखा है, जिससे पता चलता है कि उसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास है। 

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