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गुड न्यूज! यूपीआई ब्लॉक सिस्टम से शेयर ट्रेडिंग की मिलेगी सुविधा! SEBI ने रखा प्रपोजल

यूपीआई ब्लॉक सिस्टम के तहत ग्राहक अपने बैंक खातों में ब्लॉक की गई राशि के आधार पर शेयर बाजार में लेनदेन कर सकते हैं। यह सुविधा वर्तमान में निवेशकों के लिए वैकल्पिक है और ट्रेडिंग सुविधा देने वाली फर्म के लिए इसे ग्राहकों को सेवा के रूप में पेश करना जरूरी नहीं है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Aug 29, 2024 21:36 IST, Updated : Aug 29, 2024 21:36 IST
बाजार नियामक ने इन प्रस्तावों पर 12 सितंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। - India TV Paisa
Photo:FILE बाजार नियामक ने इन प्रस्तावों पर 12 सितंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने योग्य शेयर ब्रोकरों को एएसबीए सुविधा की तर्ज पर यूपीआई-आधारित ब्लॉक प्रणाली का उपयोग कर ग्राहकों को शेयर बाजार में लेनदेन की सुविधा अनिवार्य रूप से देने का प्रस्ताव रखा है। एएसबीए (एप्लीकेशन सर्पोटेड बाई ब्लॉक्ड एमाउंट) आईपीओ के लिए आवेदन प्रक्रिया है जिसे सेबी ने विकसित किया है। भाषा की खबर के मुताबिक, यह एप्लीकेशन आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लेने के लिए ग्राहक के बैंक खाते में ही आवेदन राशि को ब्लॉक करने का प्राधिकरण होता है।

ग्राहक को मिलेगी ये सुविधा

खबर के मुताबिक, यूपीआई ब्लॉक सिस्टम के तहत ग्राहक अपने बैंक खातों में ब्लॉक की गई राशि के आधार पर शेयर बाजार में लेनदेन कर सकते हैं। यह सुविधा वर्तमान में निवेशकों के लिए वैकल्पिक है और ट्रेडिंग सुविधा देने वाली फर्म के लिए इसे ग्राहकों को सेवा के रूप में पेश करना जरूरी नहीं है। शेयर अलॉटमेंट के लिए खाते में राशि ब्लॉक करने की सुविधा एएसबीए पहले से ही प्राथमिक बाजार के लिए उपलब्ध है। इससे सुनिश्चित होता है कि निवेशक का पैसा शेयर आवंटन होने की सूरत में ही स्थानांतरित हो।

थ्री-इन-वन ट्रेडिंग खाता सुविधा मिल सकती है

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को जारी अपने परामर्श पत्र में सुझाव दिया है कि पात्र शेयर ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए कैश सेगमेंट में यूपीआई ब्लॉक प्रणाली का इ्स्तेमाल कर शेयर कारोबार की सुविधा प्रदान करें। सेबी ने यह भी कहा है कि शेयर ब्रोकर एएसबीए जैसी सुविधा को अनिवार्य बनाने के विकल्प के रूप में थ्री-इन-वन ट्रेडिंग खाता सुविधा दे सकते हैं। इस तरह के खातों में ग्राहकों के पास उनके बैंक खाते में धन होगा, जिससे उन्हें बची हुई नकद राशि पर ब्याज मिलेगा। इसके अलावा थ्री-इन-वन सुविधा नकद और डेरिवेटिव खंड दोनों के लिए बिना किसी राशि प्रतिबंध के उपलब्ध होगी, जबकि यूपीआई ब्लॉक व्यवस्था का उपयोग करके कारोबार की सुविधा फिलहाल केवल नकद खंड के लिए ही उपलब्ध होगी।

प्रस्तावों पर 12 सितंबर तक टिप्पणियां मांगी

बाजार नियामक ने इन प्रस्तावों पर 12 सितंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं। कारोबारी सदस्यों को उनके परिचालन के आकार और पैमाने के आधार पर पात्र शेयर ब्रोकर (क्यूएसबी) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। क्यूएसबी के रूप में नामित होने से शेयर ब्रोकरों की जिम्मेदारियां और दायित्व बढ़ जाते हैं। नियामक ने शेयर कारोबार के लिए ब्लॉक तंत्र के माध्यम से व्यापार का बीटा संस्करण इस साल एक जनवरी को जारी किया था। हालांकि इसे केवल नकद खंड पर ही लागू किया गया था। फिलहाल यह सुविधा निवेशकों के लिए वैकल्पिक है तथा ट्रेडिंग सदस्यों के लिए ग्राहकों को सेवा के रूप में प्रदान करना अनिवार्य नहीं है।

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