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अमेरिका की सरजमीं पर हजारों बेरोजगार भारतीय संकट में, नौकरी ढूंढने के लिए दर-बदर भटक रहे

स्थिति बहुत खराब है। जो लोग एच-1बी वीजा पर यहां आए हैं उनके लिए तो स्थिति और भी विकट है क्योंकि उन्हें 60 दिन के भीतर नई नौकरी ढूंढ़नी होगी या फिर भारत लौटना होगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jan 23, 2023 13:25 IST, Updated : Jan 23, 2023 13:25 IST
हजारों बेरोजगार भारतीय- India TV Paisa
Photo:INDIA TV हजारों बेरोजगार भारतीय

अमेरिका में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों में हाल में हुई छंटनी के बाद बेरोजगार हो चुके सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के हजारों भारतीय पेशेवर अब इस देश में रहने के लिए अपने कामकाजी वीजा के तहत निर्धारित अवधि के भीतर नया रोजगार पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक पिछले वर्ष नवंबर से आईटी क्षेत्र के करीब 2,00,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, जिनमें रिकॉर्ड संख्या में कटौती करने वाली कंपनियों में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और अमेजन हैं। उद्योग के सूत्रों ने बताया कि नौकरियों से निकाले गए लोगों में से 30 से 40 फीसदी भारतीय आईटी पेशेवर हैं जिनमें से बड़ी संख्या एच-1बी या एल1 वीजा पर यहां आए लोगों की है। 

अमेरिका में बने रहने की जद्दोजहद 

अब ये लोग अमेरिका में बने रहने के लिए विकल्प की खोज में हैं और नौकरी जाने के बाद विदेशी कामकाजी वीजा के तहत मिलने वाले कुछ महीनों की निर्धारित अवधि में नया रोजगार तलाशने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि अपनी वीजा स्थिति को भी बदल सकें। अमेजन में काम करने के लिए गीता (नाम परिवर्तित) महज तीन महीने पहले यहां आई थी। इस सप्ताह उन्हें बताया गया कि 20 मार्च उनके कार्यकाल का अंतिम दिन होगा। एच-1बी वीजा पर अमेरिका आई एक अन्य आईटी पेशेवर को माइक्रोसॉफ्ट ने 18 जनवरी को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

60 दिन के अंदर नौकरी ढूंढना जरूरी 

 वह कहती हैं, स्थिति बहुत खराब है। जो लोग एच-1बी वीजा पर यहां आए हैं उनके लिए तो स्थिति और भी विकट है क्योंकि उन्हें 60 दिन के भीतर नई नौकरी ढूंढ़नी होगी या फिर भारत लौटना होगा। सिलिकॉन वैली में उद्यमी और सामुदायिक नेता अजय जैन भूतोड़िया ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र के हजारों कर्मचारियों को नौकरियों से निकाला जा रहा है, विशेषकर एच-1बी वीजा पर आए लोगों के लिए तो चुनौतियां और भी बड़ी हैं क्योंकि उन्हें नौकरी जाने के 60 दिन के भीतर नया रोजगार खोजना है और अपना वीजा स्थानांतरित करवाना है या फिर देश से जाने के लिए मजबूर होना होगा।’’ ग्लोबल इंडियन टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन (जीआईटीपीआरओ) और फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) ने इन आईटी पेशेवरों की मदद करने के लिए रविवार को एक सामुदायिक पहल शुरू की। 

प्रौद्योगिकी में भारतीयों की संख्या अच्छी खासी 

एफआईआईडीएस के खांडेराव कंद ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी उद्योग में बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती के कारण जनवरी 2023 प्रौद्योगिकी क्षेत्र के पेशेवरों के लिए बहुत कठिन रहा है। कई प्रतिभाशाली लोगों की नौकरी चली गई। प्रौद्योगिकी उद्योग में भारतीय प्रवासियों की संख्या अच्छी खासी होने की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित भी वे ही हुए हैं।’’ एच-1बी वीजा धारकों को नौकरी जाने के बाद 60 दिन के भीतर एच-1बी प्रायोजित नौकरी खोजनी होती है या फिर दर्जा खत्म हो जाने के दस दिन के भीतर देश छोड़ना होता है। 

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