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Budget 2023: बजट में मिल सकता है स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन का तोहफा! हाइड्रोजन ट्रेन पर भी फैसला संभव

Budget 2023 में न्यू ऐज रोलिंग स्टॉक के अलावा 100 विस्टाडोम कोच बनाने का प्लान और प्रीमियर ट्रेनों के 1,000 कोचो का नवीनीकरण को भी प्रोग्राम में किया जा सकता है शामिल ।

India TV Paisa Desk Edited By: India TV Paisa Desk
Updated on: January 27, 2023 14:36 IST
Budget 2023 Expectation- India TV Paisa
Photo:CANVA बजट में रेलवे फंड बढ़ने की उम्मीदें

Budget 2023 Expectation: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट (Budget 2023) पेश करेंगी। इस बजट से भारतीय रेलवे (Indian Railway) को काफी उम्मीदे हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि रेलवे के लिए 1.9 लाख करोड़ का बजट अलॉट हो सकता है। साथ ही केंद्रीय बजट में वंदे भारत ट्रेन और हाइड्रोजन ट्रेनों को लेकर भी बड़ी घोषणा की जा सकती है।

स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बजट में वित्त मंत्री 400 से 500 वंदे भारत ट्रेन, 4000 नए ऑटोमोबाइल कैरियर कोच, 58000 वैगन ट्रेनों का तोहफा दे सकती हैं। इन सभी को अगले 3 सालों में पटरियों पर उतारा जा सकता है। अभी देश में कुल 8 वंदे भारत पटरी पर दौड़ रही हैं। जिसकी संख्या बढ़ाने पर सरकार काफी समय से विचार कर रही है। वहीं इन ट्रेनों को बनाने में इतना सक्षम हो जाना है कि आने वाले सालों में भारत यूरोप, साउथ अमेरिका, ईस्ट एशिया जैसे देशों को निर्यात कर सके। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस बजट में स्लीपर कोच वाले वंदे भारत ट्रेनों का ऐलान भी कर सकती है। 

बजट में रेलवे फंड बढ़ने की उम्मीद

बताते चलें कि पिछले बजट में रेलवे के लिए 1.4 ट्रिलियन रुपये के फंड का ऐलान किया गया था। हालांकि इस साल फंड को बढ़ाकर लगभग 2 ट्रिलियन रुपये किए जाने की उम्मीद है। जानकारों के अनुसार, इस फंड का इस्तेमाल नई लाइनों के निर्माण, गेज चेंज, इलेक्ट्रिफिकेशन और बेहतर सिग्नलिंग के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही रेलवे ट्रेनों के निर्माण के लिए बेहतरीन घरेलू इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाया जा सके।

2016 के बाद बदल गई थी परंपरा

रेलवे के लिए अलग बजट पहली बार वर्ष 1924 में पेश किया गया था। उस वक्त अंग्रेजों का शासन था और सरकार की कमाई काफी हद तक रेलवे पर निर्भर करती थी। देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में भी रेलवे का काफी अहम योगदान हुआ करता था। इसलिए रेलवे का बजट अलग से पेश किया जाता था। हालांकि 2016 में बरसों पुरानी इस परंपरा को खत्म कर दिया गया और उसे केंद्रीय बजट में मिला दिया गया। फिर 2017 में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने आम बजट में रेलवे के लिए बजट का पैसा दिया। रेलवे बजट के लिए अब यही परंपरा जारी है।

31 जनवरी से शुरू हो रहा बजट सत्र

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है जिस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सत्र में 27 बैठकें होंगी जो 6 अप्रैल तक चलेंगी। सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 14 फरवरी तक होगा। करीब एक महीने के अवकाश के बाद बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत 12 मार्च से 6 अप्रैल तक होगी।

 

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