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IPO खरीदने से पहले क्या आपने इन बातों पर होमवर्क किया? जानें किन चीजों का जरूर रखें ध्यान

बाजार की भावनाएं बहुत मायने रखती हैं। यह दोतरफा रास्ता हो सकता है। कठिन बाजार स्थितियों में, लिस्टिंग से बहुत बढ़िया रिटर्न नहीं मिल सकता है, लेकिन अलॉटमेंट की संभावना बहुत अधिक होती है।

Written By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: September 11, 2024 7:23 IST
अगर आप लिस्टिंग के बाद आईपीओ शेयर बेचना चाहते हैं तो ट्रेडिंग अकाउंट को जरूर एक्टिव रखें।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK अगर आप लिस्टिंग के बाद आईपीओ शेयर बेचना चाहते हैं तो ट्रेडिंग अकाउंट को जरूर एक्टिव रखें।

कंपनियां अपने कारोबार को विस्तार देने और अन्य जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए मार्केट से पूंजी जुटाती हैं। इसके लिए वह बाकी इंस्ट्रूमेंट्स के अलावा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ के जरिये भी ऐसा करती हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए भी कमाई के अच्छे मौके बनते हैं। अगर आप भी आईपीओ में हाथ आजमाने की सोच रहे हैं तो आपको आईपीओ खरीदने से पहले कुछ खास बातों पर होम वर्क करना चाहिए। कई ऐसी बातें हैं जिनका पहले ही ध्यान रखना चाहिए। 

आईपीओ लेने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

  • आईपीओ लाने वाली कंपनी के कारोबार को समझें। बेहतर तो यही होगा कि उन उद्योगों की कंपनियों को प्राथमिकता दें जिन्हें आप समझते हैं और जहां आप सहज हैं। एसबीआई सिक्योरटीज के मुताबिक, पिछले डेटा के साथ-साथ संभावनाओं को भी देखें, क्योंकि उद्योग का नेतृत्व और व्यवधान आईपीओ रिटर्न में महत्वपूर्ण फैक्टर हैं।
  • कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी है इसपर नजर डालें। उन कंपनियों पर ध्यान दें जो मुनाफ़ा कमाती हैं। रुझान देखें, और यह एक बढ़ता हुआ रुझान होना चाहिए। आईपीओ में स्वस्थ शुद्ध मार्जिन, रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) और नियोजित पूंजी पर रिटर्न (आरओसीई) पर नज़र रखें।
  • कंपनी के मूल्यांकन का आकलन करें। निवेशक के दृष्टिकोण से एक अच्छा आईपीओ वह होता है जो शेयरधारकों के लिए कुछ राहत देता है। अगर आईपीओ की कीमत समकक्ष समूह की तुलना में बहुत ज़्यादा है, तो आपके लाभ कमाने की संभावना सीमित हो जाती है।
  • बाजार की भावनाएं बहुत मायने रखती हैं। यह दोतरफा रास्ता हो सकता है। कठिन बाजार स्थितियों में, आपको लिस्टिंग से बहुत बढ़िया रिटर्न नहीं मिल सकता है, लेकिन अलॉटमेंट की संभावना बहुत अधिक होती है। तेजी के समय में इसका उल्टा होता है। साथ ही यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या देख रहे हैं।
  • आईपीओ में यह देखें कि कितने शेयर लॉक इन हैं और लॉक-इन कब खुलता है। एसबीआई सिक्योरटीज के मुताबिक, प्री-आईपीओ अलॉटमेंट और एंकर अलॉटमेंट में लॉक-इन अवधि होती है। एंकर अलॉटमेंट में 1 महीने और 3 महीने का लॉक-इन होता है। इससे सप्लाई में उछाल आता है और कीमतों पर असर पड़ता है।
  • अंडरराइटर्स और लीड मैनेजर्स की इमेज पर गौर करें आम तौर पर, गुणवत्ता वाले लीड मैनेजर आईपीओ के सार्वजनिक होने से पहले उचित परिश्रम सुनिश्चित करते हैं और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मूल्य निर्धारण में गुंजाइश बनी रहे।
  • सुनिश्चित करें कि आपका डीमैट खाता पहले से ही खुला और सक्रिय है, ताकि आईपीओ में अलॉटमेंट मिलने पर आपको शेयर मिल सकें। साथ ही, अगर आप लिस्टिंग के बाद आईपीओ शेयर बेचना चाहते हैं तो ट्रेडिंग अकाउंट को जरूर एक्टिव रखें।

आने वाले आईपीओ

मार्केट में आईपीओ का जबरदस्त फ्लो है। लगातार कंपनियों के आईपीओ आ रहे हैं। आने वाले दिनों में फैब इंडिया, ओयो, बोट, बजाज इनर्जी, मोबिक्विक, स्टड् एक्सेसरीज, आरोहन फाइनेंशियल, स्नैपडील, ड्रूम, स्विगी और ह्युंडई मोटर इंडिया के आईपीओ देखने को मिलेंगे। हालांकि इन आईपीओ के लिए तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। 

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