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म्यूचुअल फंड में निवेशकों का रुझान घटा, निवेश में आई 38 प्रतिशत की बड़ी गिरावट, जानें वजह

आंकड़ों से पता चलता है कि बीते साल कोष प्रबंधकों ने निश्चित आय की श्रेणी पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले साल की तुलना में 2022 में निश्चित आय की एनएफओ की संख्या दोगुना हो गई।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Feb 19, 2023 12:41 IST, Updated : Feb 19, 2023 12:41 IST
म्यूचुअल फंड - India TV Paisa
Photo:FILE म्यूचुअल फंड

म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश को लेकर निवेशकों का रुझान घटा है। कंपनियों की ओर से जारी आंकड़ों से इसकी जानकारी मिली है। दी गई जानकारी के मुताबिक, म्यूचुअल फंड कंपनियों के नई योजनाओं (एनएफओ) से संग्रह में बीते साल गिरावट आई है। संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने 2022 में एनएफओ से कुल 62,000 करोड़ रुपये का संग्रह किया, जो 2021 की तुलना में 38 प्रतिशत की गिरावट है। हालांकि, बीते साल म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अधिक संख्या में नई योजनाएं पेश कीं। बीते साल कुल 228 नई योजनाएं लाई गईं। यह 2021 के 140 के आंकड़े से कहीं अधिक है। 

निश्चित आय श्रेणी पर ध्यान केंद्रित किया

आंकड़ों से पता चलता है कि बीते साल कोष प्रबंधकों ने निश्चित आय की श्रेणी पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले साल की तुलना में 2022 में निश्चित आय की एनएफओ की संख्या दोगुना हो गई। आंकड़ों के अनुसार, कैलेंडर साल 2022 में 179 ‘ओपन-एंड फंड’ और 49 ‘क्लोज्ड-एंड फंड’ पेश किए गए। इनके जरिये कुल 62,187 करोड़ रुपये जुटाए गए। वहीं 2021 में 140 एनएफओ के जरिये 99,704 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी। 2020 में 81 नई योजनाओं के जरिये 53,703 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। 2022 में, एएमसी अन्य योजनाओं की श्रेणी में फ्लोटिंग एनएफओ पर केंद्रित थे, विशेष रूप से इंडेक्स फंड, और ऋण-उन्मुख योजना खंड, मुख्य रूप से निश्चित अवधि की योजनाएं। इंडेक्स फंड सेगमेंट में अधिकतम संख्या में फंड (84) लॉन्च किए गए, जिसमें 11,235 करोड़ रुपये जमा हुए, इसके बाद फिक्स्ड टर्म प्लान (49), जिसने 12,467 करोड़ रुपये जुटाए, और अन्य ईटीएफ (39), जिसने 3,405 करोड़ रुपये एकत्र किए।

कम रिटर्न ने मोहभंग किया 

फिसडम के अनुसंधान प्रमुख नीरव करकेरा ने कहा, महंगाई, ब्याज दर में बढ़ोतरी, भू-राजनीतिक उथल-पुथल और परिणामी आर्थिक प्रभाव के संयोजन ने निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित किया। इसके चलते वर्ष 2022 कुछ प्रमुख मार्केट-कैप आधारित सूचकांकों पर  रिटर्न कम हुआ, जबकि कुछ ने नीगेटिव रिटर्न दिए। इससे निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड में कम हुआ है। इसके चलते निवेश में कमी आई है। इसके अलावा, फ्लेक्सीकैप, मल्टीकैप और डायनेमिक एसेट एलोकेशन की मुख्य श्रेणियों में कम एनएफओ लॉन्च किए गए, जिससे निवेश प्रतिबद्धताओं पर भी असर पड़ा। आमतौर पर, NFO एक बढ़ते बाजार के दौरान आते हैं जब निवेशक की भावना उच्च और आशावादी होती है। सकारात्मक निवेशक भावनाओं के साथ शेयर बाजार ने 2021 में एनएफओ के माध्यम से अधिक फंड जुटाया।

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