एसआईपी कभी भी एक जैसा रिटर्न नहीं मिलता है और ये पूरी तरह से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
डिजिटल दौर में हर दिन लाखों लोग बाजार में कदम रख रहे हैं, म्यूचुअल फंड के एसेट्स 80 ट्रिलियन के पार पहुंच गए हैं और डिमैट अकाउंट की संख्या नए रिकॉर्ड बना रही है। लेकिन इस चमकदार तस्वीर के पीछे एक सच्चाई है जो डराती भी है और चौंकाती भी।
ETF निवेशकों को छोटी रकम से शुरुआत करने की सुविधा देते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड में आमतौर पर ज़्यादा मिनिमम इन्वेस्टमेंट की ज़रूरत होती है।
जानकार का कहना है कि आने वाले समय में भी निवेश का अधिकांश प्रवाह लिक्विड, मनी मार्केट और हाई-क्वालिटी एक्रूअल फंड्स में केंद्रित रह सकता है।
क्वांट स्मॉल कैप फंड, भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की सबसे पुरानी स्कीम्स में से एक है। क्वांट स्मॉल कैप फंड की शुरुआत 1996 में हुई थी।
बीते कुछ सालों में, म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में काफी तेज बढ़ोतरी हुई है। खास बात ये है कि इनमें छोटे निवेशकों और महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है।
मासिक आधार पर म्यूचुअल फंड कंपनियों ने सितंबर के 7.5 प्रतिशत की तुलना में अक्टूबर में आईटी शेयरों में अपना निवेश बढ़ाकर 7.6% कर दिया है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुद्ध निवेश सितंबर में 9 प्रतिशत घटकर 30,421 करोड़ रुपये रह गया था।
पिछले एक साल में जिन निवेशकों ने म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी (SIP) के जरिए पैसा लगाया, उनके चेहरे पर इस दिवाली मुस्कान और चमक दोनों लौट आई है। साल 2024 की दिवाली से लेकर अब तक शेयर बाजार ने जबरदस्त तेजी दिखाई है।
शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव की वजह से सिर्फ स्टॉक पोर्टफोलियो ही नहीं बल्कि म्यूचुअल फंड्स पोर्टफोलियो पर भी काफी बुरा असर पड़ा है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है और ये पूरी तरह से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) यानी कुल खर्च अनुपात से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है।
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब नए फोलियो खोलते समय और पहली निवेश राशि डालने से पहले पूरी KYC प्रक्रिया करना अनिवार्य होगा।
पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली के दौरान, कुल 522 में से 407 फंड्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है और ये पूरी तरह से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
यह स्मार्ट स्ट्रैटेजी आपके होम लोन पर चुकाए गए ब्याज की रकम को रिकवर करा देगी। यह आपको मानसिक और आर्थिक रूप से राहत देती है, और लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन का भी जरिया बनती है।
भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और म्यूचुअल फंड दोनों ही लोकप्रिय निवेश साधन हैं। बदलते समय के साथ, जोखिम मुक्त और उच्च रिटर्न के लिए विभिन्न और बेहतर निवेश विकल्पों की खोज करना आवश्यक है।
म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार का काफी रिस्क है, लेकिन एक बात ये भी सच है कि इसमें शेयर बाजार से ही मोटी कमाई भी होती है।
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड ने वन 97 कम्यूनिकेशंस में अतिरिक्त शेयर खरीदकर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5 प्रतिशत से ऊपर कर ली है।
केनरा रोबेको लार्ज एंड मिड कैप फंड, जिसे पहले केनरा रोबेको इमर्जिंग इक्विटिज फंड के नाम से जाना जाता था, इस फंड ने 10,000 रुपये की एसआईपी को 1.89 करोड़ रुपये के भारी-भरकम फंड में बदल दिया।
लेटेस्ट न्यूज़