ईरान पर इजरायल के सैन्य हमले के बाद तनाव बढ़ने के चलते निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के लिए इस एसेट की तरफ रुख किया। आने वाले दिनों में भी सोने की कीमत में तेजी के रुझान देखने को मिल सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद के चलते मंगलवार सुबह के कारोबार में सोने की कीमतों में गिरावट आई। इससे सुरक्षित निवेश की मांग घटी।
अक्षय तृतीया पर उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई खरीदारी ने सोने की कीमतों में गिरावट को सीमित कर दिया। अक्षय तृतीया को सोना, आभूषण और अन्य कीमती सामान खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है।
कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से अब तक सोने की कीमत में 25.1% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि चांदी की कीमत में 13.5% की बढ़ोतरी हुई है
सोने का भाव आसमान पर पहुंच गया है। इसके साथ ही खरीदारों को लुभाने के लिए कई आसान विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गोल्ड एटीएम पेश किया गया है।
जानकार कहते हैं कि कमजोर डॉलर, बढ़ते व्यापार युद्ध तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं के बाद बढ़ती चिंताओं के चलते सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।
अगर सोने के हिस्टोरिकल प्राइस पर नजर डालें तो सोने के भाव में रिकॉर्ड तेजी के बाद बड़ी गिरावट आई थी। सोने का भाव 2013 में 1930 डॉलर प्रति औंस से टूटकर 1100 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया था।
कारोबार के दौरान जूलरी विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की भारी बिकवाली रही। साथ ही कमजोर ग्लोबल ट्रेंड के चलते सोने की कीमत में बड़ी गिरावट आई।
टैरिफ के ऐलान के बाद अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। इसका असर सोने की कीमतों पर भी पड़ा। हाल के दिनों में सोन की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है।
कोटक सिक्योरिटीज के अनुसार, ट्रेड वॉर की बढ़ती चिंताओं के कारण सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति ट्रंप के वाहन आयात शुल्क और यूरोपीय संघ और कनाडा के खिलाफ शुल्क को लेकर चेतावनी ने सोने जैसे सुरक्षित-निवेश की मांग को तेज कर दिया है।
घरेलू बाजार में कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोना सुरक्षित निवेश की मांग और उम्मीद से कम अमेरिकी उपभोक्ता मुद्रास्फीति के आंकड़ों के कारण रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
मजबूत हाजिर मांग के चलते सटोरियों द्वारा ताजा सौदे करने से बुधवार को वायदा कारोबार में भी सोने के भाव में बढ़त दिखी। चांदी की कीमत बढ़कर करीब तीन सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गई।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 350 रुपये गिरकर 80,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि पिछले बंद भाव 80,800 रुपये था। वहीं, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,150 रुपये गिरकर 80,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि गुरुवार को यह 81,200 रुपये पर बंद हुआ था।
आभूषण विक्रेताओं की कमजोर मांग और औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की कमजोर उठान के चलते सोने और चांदी की कीमत में गिरावट आई।
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सोने का भाव 400 रुपये की गिरावट के साथ 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि सोमवार को सोने का भाव 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के लाइफटाइम हाई पर बंद हुआ था।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती और मध्य पूर्व में चल रहे तनाव का असर सोने के भाव पर देखा जा रहा है। हाजिर चांदी 0.1% गिरकर 31.07 डॉलर प्रति औंस पर आ गई, प्लैटिनम 0.8% गिरकर 967.50 डॉलर पर आ गया और पैलेडियम लगभग 1% गिरकर 1,057.38 डॉलर पर आ गया।
सोने और चांदी की कीमत में बीते दिनों में स्थिरता का रुख है। कीमतें एक दायरे में टिकी हुई हैं। फेस्टिवल सीजन में सोने की डिमांड में तेजी आने से बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद है।
कमजोर मांग के कारण सोना वायदा और चांदी वायदा कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारी इस महीने होने वाली फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती के आकार का आकलन करने के लिए अमेरिकी आर्थिक तारीख के इंतजार में हैं।
चैनवाला ने कहा कि इसके अलावा मजबूत उपभोक्ता खर्च, मुद्रास्फीति में कमी और अमेरिका में बेहतर जीडीपी वृद्धि ने फेडरल रिजर्व द्वारा अधिक आक्रामक ढील की उम्मीदों को कम कर दिया है। एशियाई कारोबारी घंटों में, चांदी की कीमतें 0.52 प्रतिशत गिरकर 28.99 डॉलर प्रति औंस रह गईं।
अमेरिकी बेरोजगारी दावों और जीडीपी डेटा सहित प्रमुख अमेरिकी मैक्रो डेटा जारी होने से पहले व्यापारी सतर्क रहे। इस सप्ताह सोने की कीमतों में सुस्ती बनी हुई है, क्योंकि बाजार शुक्रवार को व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) डेटा का इंतजार कर रहा है।
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