यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्लॉट की स्कीम में आवेदन करने वालों की किस्मत का फैसला लॉटरी से होगा।
आईआरएफ के मुताबिक, ऐसा होने पर इन राजमार्ग खंडों पर होने वाले हादसों में कमी आने के साथ ही उनमें होने वाली मौतों का आंकड़ा भी करीब शून्य तक लाया जा सकेगा।
ग्रीनफील्ड परियोजना के पहले चरण का काम चल रहा है और इसे पूरा करने में 5,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।
एक्सप्रेस-वे के तीनों टोल प्लाजा, जेवर, मथुरा व आगरा में फास्टैग के लिए जरूरी तकनीकी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है। देश के इस पहले एक्सप्रेसवे पर 15 जून से फास्टैग की सुविधा शुरू हो जाएगी।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है। देश के इस पहले एक्सप्रेसवे पर 15 जून से फास्टैग की सुविधा शुरू हो जाएगी।
आपको जेवर जाने पर लगने वाले टोल से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल जेवर जाने के लिए आपको एक वैकल्पिक रास्ता दिया जा रहा है।
अगर आपके फोन में यह App नहीं होगा, तो आपको यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यमुना प्राधिकरण इसे 2041 की महा योजना में शामिल करने के लिए एनसीआर योजना बोर्ड को जल्द प्रस्ताव भेजेगा।
दिवाला हो चुकी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल मुंबई की कंपनी सुरक्षा रीयल्टी अपनी बोली का अधिक आकर्षक बना सकती है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा कि यह परियोजना मिश्रित इस्तेमाल की होगी जिसमें आवास और दुकानें शामिल होंगी।
संकट से जूझ रहे जेपी समूह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कंपनी पर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का 108 करोड़ रुपए का बकाया है।
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की एक रपट में कहा गया है कि आईआईएफसीएल ने खराब आकलन के आधार पर गलत समय में जेपी इंफ्राटेक को 900 करोड़ रुपये का ऋण दिया।
अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ( आईआरएफ) का सुझाव है कि एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली( इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम) लागू करने से यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की संख्या कम की जा सकती है।
आईडीबीआई बैंक की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि एक्सप्रेसवे को बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि यह संपत्ति जेपी एसोसिएट्स की नहीं है
जेपी इंफ्राटेक ने बताया कि वह यमुना एक्सप्रेस-वे को अन्य डेवेलपर को सौंपना चाहती है। उस डेवेलपर ने इसके लिए 2,500 करोड़ रुपए की पेशकश की है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे में घर खरीदने वाले लोगों को भी अब प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत लगभग 2.5 लाख रुपए का फायदा हो सकता है।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने 6 बिल्डरों की 17 परियोजनाओं की भवन योजना को रद्द कर दिया है।
EPFO ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरणों को नोटिस देकर ठेकेदारों के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के PF का बकाया मांगा है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में तैयार हो चुके फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए एनओसी देने की योजना का प्रस्ताव किया है।
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