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Hindi News क्राइम महिला पर लगा अपने ही नाबालिग बेटे का यौन उत्पीड़न का आरोप, मिली सशर्त जमानत

महिला पर लगा अपने ही नाबालिग बेटे का यौन उत्पीड़न का आरोप, मिली सशर्त जमानत

अपने नाबालिग बेटे का यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार 35 वर्षीय महिला को केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी। बेटे की शिकायत पर महिला को गिरफ्तार किया गया था।

Kerala mother accused of son's sexual abuse gets bail, court orders SIT probe- India TV Hindi Image Source : PTI अपने नाबालिग बेटे का यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार 35 वर्षीय महिला को केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी।

तिरुवनंतपुरम: अपने नाबालिग बेटे का यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार 35 वर्षीय महिला को केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी। बेटे की शिकायत पर महिला को गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस एस शिर्सी ने एक लाख रुपये के मुचलके पर महिला को जमानत देते हुए सरकार को एक महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश दिया। बता दें कि केरल सरकार ने महिला की जमानत याचिका का विरोध किया था। सरकार ने इस मामले में कोर्ट के समक्ष यह कहते हुए विरोध किया कि महिला के खिलाफ की गई शिकायत सही है।

कोर्ट ने दिया मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश
इस पर कोर्ट ने सरकार को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का एक विशेष मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया क्योंकि अभियोजन पक्ष ने अपनी याचिका में इस बात का उल्लेख किया था कि वह नाबालिग बच्चा कई शारीरिक व मानसिक परेशानियों से जूझ रहा है। कोर्ट ने बच्चे को उसके पिता से अलग रखने का भी निर्देश दिया। गौरतलब है कि बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी थी कि इस नाबालिग बच्चे की मां से तलाक लिए बगैर ही उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली और उसके पिता ने ही बच्चे को अपनी मां के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने के लिए विवश किया।

महिला की मां का आरोप, साजिशन फंसाया गया
गिरफ्तार महिला की मां ने पत्रकारों से कहा कि मेरी बेटी निर्दोष है और उसे साजिशन फंसाया गया है। नाबालिग बच्चे के पिता ने मेरी बेटी को तलाक दिए बगैर ही दूसरी शादी कर ली और अपने चार बच्चों के साथ अभी मध्य-पूर्व (विदेश) में है। अब उसने मेरी बेटी से तलाक के कागजात पर जबरन दस्तखत करवाने के लिए यह साजिश रची है।

मां और बेटे का संबंध बहुत पावन होता है
उसने आगे कहा कि महिला आइपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित करने के माननीय उच्च न्यायालय का निर्देश एक स्वागतयोग्य कदम है। सच्चाई अवश्य सामने आनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि मां और बेटे का संबंध बहुत पावन होता है। यह संबंध उस दिन से शुरू होता है जिस दिन वह गर्भधारण करती है। गौरतलब है कि 14-वर्षीय बालक ने कडक्कवूर थाने में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी मां ने दो साल तक (वर्ष 2017 से 2019 के बीच) उसका यौन शोषण किया। इसके बाद उस महिला को इस वर्ष 5 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया।

बच्चे के पिता और मां अलग-अलग रह रहे हैं
बता दें कि आरोपी मां 35 साल की हैं और तिरुवनंतपुरम जिले के वाक्कोम की मूल निवासी हैं। कड़कवूर पुलिस ने उसके पति द्वारा 14 वर्षीय बेटे के संबंध में शिकायत के बाद उसे 5 जनवरी को गिरफ्तार किया था। बच्चे के पिता और मां अलग-अलग रह रहे हैं। शिकायत के अनुसार, घटना दो साल पहले हुई थी और इस बात की जानकारी मिलने के बाद बच्चे के पिता ने पुलिस स्टेशन में इस बात की शिकायत दर्ज कराई। बच्चे के पिता और मां अलग हो चुके हैं और पिता ने पुनर्विवाह कर लिया है। हालांकि, गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद लड़के के छोटे भाई ने मीडिया को बताया कि उनके पिता ने लड़के को मां के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया था।

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