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Hindi News हेल्थ कोरोना की वजह से दुनिया में फिर मचा हाहाकार, क्या बूस्टर डोज़ के ज़रिए भारत कोविड से लड़ने के लिए है तैयार?

कोरोना की वजह से दुनिया में फिर मचा हाहाकार, क्या बूस्टर डोज़ के ज़रिए भारत कोविड से लड़ने के लिए है तैयार?

Booster Dose:चीन में कोरोना के कहर से अब भारत भी सतर्क हो गया है। देश में अब भी कई लोगों ने बूस्टर डोज़ नहीं लगवाई है। ऐसे में सीनियर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और एम्स के पूर्व निदेशक ने हमसे बात करते हुए बताया कि आखिर कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर डोज़ क्यों ज़रूरी है।

Corona - India TV Hindi Image Source : FREEPIK Corona

भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में कोरोना का वापस फ़ैल रहा है। इसके नए वेरिएंट BF-7 ने चीन में हाहाकार मचाकर रखा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस वेरिएंट से चीन में लगभग 10 लाख मौतें हो सकती हैं। कोरोना के नए वेरिएंट के प्रकोप का अनुमान लागते हुए भारत में सतर्कता बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी सचेत हो गई हैं। इस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। जारी की गई इस एडवाइजरी में लोगों को भीड़-भाड़ वाले जगहों पर न जाने को कहा गया है। अगर आपको उन जगहों पर जाना पड़ रहा है तो मास्क ज़रूर लगाएं। कहीं भी बाहर जाने से पहले मास्क लगाकर निकलें। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, वे जल्द से जल्द यह वैक्सीन लगवाएं। सीनियर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और एम्स के पूर्व निदेशक ने हमसे बात करते हुए बताया कि आखिर कोरोना  के इस नए वैरिएंट से बचाव के लिए बूस्टर डोज़ क्यों ज़रूरी है।

चीन से अलग है भारत की स्थिति

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, "कोरोना का नया वेरिएंट BF-7 चीन में पूरी तरह फ़ैल गया है। साथ ही दुनिया के कई देशों सहित इसके कुछ लक्षण भारत में भी पाए गए हैं।  लेकिन हमे यह समझना चाहिए कि भारत और चीन की स्थिति में बहुत फर्क है। चीन ने ज़ीरो कोविड पॉलिसी अपनाई थी, जिसके कारण जब भी केसेस बढे उन्होंने लॉकडाउन किया और इंफेक्शन को फैलने से रोका। वहीं भारत की वैक्सीन चीन के मुकाबले ज़्यादा बेहतरीन थी। चीन की वैक्सीन को लेकर कोई मजबूत डेटा भी मौजूद नहीं है। अगर इन तीनों चीज़ों को देखें तो हमारी स्थिति चीन से बहुत अलग है। हमारा वैक्सीन तो अच्छा था ही, साथ ही नेचुरल उपाय की वजह से लोगों की इम्युनिटी और भी मजबूत हुई।"

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कोविड खत्म नहीं हुआ है..

जिन लोगों को पहले कोविड हो चूका है। ऐसे में सम्भावना है कि उन्हें दुबारा कोविड हो सकता है। क्योंकि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। लेकिन हमारी इम्युनिटी स्ट्रांग है। हमारी बॉडी में एंटी बॉडीज है जो इस वायरस को फैलने से रोकेंगे। इसलिए आपको हॉस्पिटल जाने की नौबत नहीं आएगी और न ही आपका ऑक्सीजन लेवल कम होगा। लेकिन शरीर में माइल्ड इलनेस रहेगी, जिस वजह से केसेस बढ़ सकते हैं। साथ ही कई लोगों की तबियत ज़्यादा खराब भी हो सकती है। लेकिन पिछले साल डेल्टा वेव में हमने देखा था लोगों की तबियत बहुत ज़्यादा खराब हुई थी और लोग निमोनिया से ग्रसित हुए थे। वैसा इस बार नहीं होगा, कहते हैं डॉक्टर रणदीप गुलेरिया। 

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क्या है बूस्टर डोज?

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कहते हैं, "बूस्टर शब्द का मतलब वैक्सीन के बाद दिए जाने वाला टीका। जब मैं अपने कई पेशेंट को कहता हूं कि बूस्टर डोज़ लगवाओ, तो वो कहते हैं कि अब कोविड खत्म हो गया अब वैक्सीन की क्या ज़रूरत है? तो मैं हर किसी को यही कहना चाहूंगा कि अभी पैंडेमिक खत्म नहीं हुआ है। वायरस कहीं नहीं गया है। इसके नए वेरिएंट्स आ रहे हैं। उनसे हमे सावधान रहने की ज़रूरत है। अगर हमने सावधानी नहीं बरती तो बहुत जल्द कोरोना वापस फ़ैल जाएगा। इसलिए लोगों को बूस्टर डोज़ लगवाना चाहिए। इसे लगवाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा। यह पूरी तरह सेफ है। करोड़ों लोगों को यह वैक्सीन लग चुकी है। किसी को कोई साइड एफक्ट नहीं हुआ है। हम देख रहे हैं चाइना में क्या हालात हैं उसी को देखते हुए हमे यह डोज़ ज़रूर लगवानी चाहिए।"

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बूस्टर डोज कैसे काम करता है?

बूस्टर डोज शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर वायरस को कमजोर कर देता है। बुजुर्गों या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए बूस्टर डोज रामबाण साबित हो सकता है। 

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