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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Kedarnath Dham: केदारनाथ जाने का प्लान बना रहे हैं तो पहले पढ़ लें ये खबर, वरना हो जाएंगे परेशान| Exclusive

Kedarnath Dham: केदारनाथ जाने का प्लान बना रहे हैं तो पहले पढ़ लें ये खबर, वरना हो जाएंगे परेशान| Exclusive

Kedarnath Dham: कोविड के बाद पहली बार केदारनाथ के कपाट आम लोगों के लिए खुले हैं ऐसे में वहां क्या स्थिति है और साल 2013 की त्रासदी के बाद बाबा केदारधाम के रास्ते और डेवलपमेंट में क्या फर्क आया है इसकी ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया टीवी दे रहा है।

Kedarnath Dham:- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK Kedarnath Dham:

Kedarnath Dham: बाबा केदारनाथ धाम के कपाट करीब ढाई साल बाद खुले है, कोविड और लॉक डाउन के बाद से अब कपाट खुले हैं ऐसे में भक्तों की भारी भीड़ अलग-अलग राज्यों से केदारनाथ जाने के लिए पहुँच रही है। कोविड के बाद पहली बार केदारनाथ के कपाट आम लोगों के लिए खुले हैं ऐसे में वहां क्या स्थिति है और साल 2013 की त्रासदी के बाद बाबा केदारधाम के रास्ते और डेवलपमेंट में क्या फर्क आया है इसकी ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया टीवी दे रहा है।

कैसा है केदारनाथ में इंतजाम?

चारों धाम जाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, पिछले शनिवार से सोमवार छुट्टियां थी लिहाजा उत्तराखंड में जगह जगह ट्रैफिक जाम था, इसकी वजह ये थी कि लोग बिना रजिस्ट्रेशन कराए यात्रा पर आ रहे थे और जरूरत से ज्यादा संख्या होने पर पुलिस प्रसाशन उन्हें वापस भेज रही थी। अब स्थिति में बदलाव आया है प्रशासन से आदेश दिए है कि जो लोग बिना रजिस्ट्रेशन कराए आ रहे हैं उनके लिए दो अलग-अलग प्वाइंट्स बना दिए है। 

अगर पहले नहीं कराया रजिस्ट्रेशन तो घंटों लगानी पड़ेगी लाइन

केदारनाथ बद्रीनाथ की यात्रा पर जाने वाले भक्तों के रजिस्ट्रेशन चेकिंग या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए ऋषिकेश के शिव पूरी चौकी पर सेंटर बनाया गया है। यहां भक्तों की लाइन लगी हुई है, लोग रजिस्ट्रेशन की बात से वाकिफ नही है लिहाजा अब घन्टो लाइन में लगकर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ रहा है। शिव पूरी चौकी से लाइन रजिस्ट्रेशन, लोगो की समस्याएं, अचानक भीड़ क्यो आई कोविड के बाद कपाट खुले है लोग उत्साहित भी हैं।

खच्चर न चलने से लोग परेशान

रजिस्ट्रेशन की परेशानी इतनी बड़ी नहीं लगी जितनी अव्यस्वथा हमें महसूस हुई उन लोगों के साथ जो केदारनाथ धाम खच्चर और घोड़े से जाना चाहते हैं। लोग दो से तीन दिन से खच्चर काउंटर के बाहर बैठे हैं, बेहद परेशान लोग, बुजुर्ग, महिलाओं को खच्चर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

क्यों नहीं जाने दे रहे हैं खच्चर और घोड़े?

असल मे चढ़ाई का रास्ता पतला है, अगर सभी घोड़ो को जाने देंगे तो पैदल यात्रियों को दिक्कत होगी, हादसे के चांस होंगे इसलिए एक दिन चमौली के घोड़े, एक दिन दूसरी जगहों वाले को जाने दे रहे है सिर्फ रुद्रप्रयाग के घोड़े रोज चल रहे है ऐसे में लोग ज्यादा, घोड़े कम, लोग बेहद परेशान है, महिलाएं कह रही हैं अगर दिक्कत है तो हमे गौरीकुंड से पहले ही रोक दो, यहां तक आने क्यों देते हो, घोड़े वाले अनाब शनाब पैसे मांगते है जबकि प्रीपेड सेवा है। 

लोगों का ये कहना है व्यस्वथा अच्छी है पर सबसे बड़ी समस्या ये है खच्चर और पैदल यात्री एक ही रास्ते पर चलते हैं जिससे पैदल यात्रियों को दिक्कत होती है इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

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