Wednesday, April 24, 2024
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Old Car New Rule: पुरानी कार या बाइक खरीदने से पहले सावधान! कानून में बड़े बदलाव करने जा रही है सरकार

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने नए नियमों का मसौदा तैयार किया है, जिससे खरीद बिक्री की प्रक्रिया को पारदर्शी और सेकेंड हैंड डीलर्स को अधिक जिम्मेदार बनाया जाएगा।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: September 17, 2022 14:43 IST
Old Car- India TV Paisa
Photo:FILE Old Car

Highlights

  • केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने नए नियमों का मसौदा तैयार किया है
  • खरीद बिक्री की प्रक्रिया को पारदर्शी और सेकेंड हैंड डीलर्स को अधिक जिम्मेदार
  • यूज्ड वाहन डीलर्स को आरटीओ से लाइसेंस प्राप्त करना होगा

Old Car New Rule: देश में पुराने वाहनों का कारोबार काफी पुराना है, लेकिन हाल के दिनों में नई कारों की लंबी वेटिंग और बढ़ती महंगाई के बीच ग्राहकों का पुराने वाहनों की ओर आकर्षण तेजी से बढ़ा है, वहीं ऑनलाइन एप्स की मदद से झंझट मुक्त बाय और सेल के चलते पुरानी कारों का बाजार तेजी से गुलजार हुआ है। 

लेकिन मूलतः असंगठित स्वरूप वाले इस कारोबार में धोखाधड़ी की संभावना सबसे अधिक होती है। कई बार ग्राहक खराब वाहन खरीद कर ठगे जाते हैं तो कभी अनजाने में चोरी के वाहनों को खरीदने के बाद पुलिसिया कार्रवाई भी झेलनी पड़ती है। इस कारोबार में इन्हीं आशंकाओं और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार पुरानी कारों के कारोबार से जुड़े नियमों को बदलने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने नए नियमों का मसौदा तैयार किया है, जिससे खरीद बिक्री की प्रक्रिया को पारदर्शी और सेकेंड हैंड डीलर्स को अधिक जिम्मेदार बनाया जाएगा। 

डीलर को हर 5 साल में लेना होगा लाइसेंस

सरकार ने सेकेंड हैंड कार डीलर को वैधता प्रदान करने के लिए इनके लिए लाइसेंस अनिवार्य किए हैं। इस नियम के तहत यूज्ड वाहन डीलर्स को आरटीओ से लाइसेंस प्राप्त करना होगा। यह लाइसेंस 5 साल के लिए ही वैध होगा। लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही डीलर पुराने वाहन पेच सकेगा। इसके साथ ही पुराना वाहन नए ग्राहक को बेचने से पहले गाड़ी को नए मालिक के नाम पर पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

डीलर पर होगी पुराने वाहन की जानकारी 

नए नियमों के अनुसार कोई कार मालिक अपनी गाड़ी को डीलरशिप के माध्यम से बेचने के लिए देता है तो इसकी जानकारी भी डीलर, आरटीओ में देगा। यानि अभी की तरह डीलर बायर और सेलर के बीच मध्यस्थ नहीं होगा। वह इस पूरी प्रक्रिया में एक पक्ष होगा। यह नियम लागू होने के बाद जब तक कार बिक नहीं जाती, इसकी जिम्मेदारी डीलर की होगी, न कि वाहन के पुराने मालिक की। 

डीलर को ही करवानी होगी RC अपडेट 

नए नियमों के तहत जब पुरानी गाड़ी बिक जाती है तो उसके बाद नए मालिक से जुड़ी सभी जानकारी को आरटीओ में देने की जिम्मेदारी डीलर की ही होगी। साथ ही पुरानी गाड़ी के सभी दस्तावेज जैसे आरसी, एनओसी फॉर्म, फिटनेस आदि की जानकारी डीलर को ही आरटीओ में देना होगा।

डीलर नहीं करेगा पुरानी गाड़ी का इस्तेमाल

जहां नए नियम में डीलर को वाहन का अस्थाई मालिक बनाया गया है, लेकिन डीलर इसे मनचाहा इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। गाड़ी को केवल मेंटेनेस और ट्रायल रन के लिए सड़क पर उतारने का अधिकार होगा। अन्य किसी भी कारण से डीलर गाड़ी का उपयोग नहीं कर पाएगा।

धोखाधड़ी कम होगी विश्वास बढ़ेगा

नए नियमों को लेकर गाजियाबाद स्थित एक कार डीलर अरविंद गौतम बताते हैं कि इस कारोबार में विश्वास सबसे अहम होता है। नियम आने के बाद से डीलर्स पर खरीदने और बेचने दोनों ही ग्राहकों को विश्वास मिलेगा। वहीं इस पूरे कारोबार में पारदर्शिता आएगी। इसके अलावा नए ग्राहक को कागजों की वैधता को लेकर भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। 

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