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LIC में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, कर्मचारी संघों ने किया विरोध तो कर्नाटक कांग्रेस ने जताई आपत्ति

सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपनी कुछ हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए बेचने की घोषणा की है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: February 01, 2020 18:15 IST
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Nirmala Sitharaman says LIC will be listed as part of the government disinvestment initiative

नयी दिल्ली। सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपनी कुछ हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए बेचने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में 2020-21 का बजट भाषण पढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि एलआईसी को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सूचीबद्धता से कंपनियों में वित्तीय अनुशासन बढ़ता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को सरकार के निवेश पहल के हिस्से के तौर पर सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने 2020- 21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का एलआईसी में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव है। अभी एलआईसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास है।

एलआईसी में हिस्सा बेचने की सरकार की योजना का कर्मचारी संघों ने विरोध किया

एलआईसी कर्मचारी संघों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के माध्यम से सरकारी बीमा निगम में केंद्र के एक हिस्से को बेचने की योजना का शनिवार को विरोध किया और कहा कि यह पहल ‘‘देश हित के खिलाफ’’ है। कर्मचारी संघ के प्रवक्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एलआईसी में सरकार के एक हिस्से को बेचने की योजना का हम कड़ा विरोध करते हैं और यह पहल देश हित के खिलाफ है।’’ एलआईसी की स्थापना 1956 में केंद्र सरकार ने की थी और देश में जीवन बीमा के क्षेत्र में इसकी सबसे ज्यादा बाजार भागीदारी है।

कर्नाटक कांग्रेस ने एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने पर आपत्ति जताई

बेंगलुरू। कांग्रेस पार्टी की कर्नाटक इकाई ने शनिवार को केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में हिस्सेदारी की प्रस्तावित बिक्री पर कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी की राज्य इकाई ने यहां ट्वीट किया, "राजग सरकार की एक और गड़बड़ी यह है कि उन्होंने एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की है। यह फिर से एलआईसी के निजीकरण और इसे निजी पार्टियों के लिए खोलने की बोली है। इससे लोगों की जमा पूंजी खतरे में होगी।"

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के माध्यम से बेचने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में सरकार व भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार रेलवे से लेकर एलआईसी तक, अपने पूंजीवादी दोस्तों को देश बेचने पर तुली हुई है।

हालांकि मंत्री ने एलआईसी की बिक्री के बारे में कोई विवरण नहीं दिया। केंद्र सरकार के पास एलआईसी में पूरी 100 फीसदी इक्विटी है, जिसे वर्ष 1956 में संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था।

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