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पुराने टैक्स विवाद 31 जनवरी 2020 से पहले निपटा लें, सीबीडीटी ने इस योजना की अंतिम तारीख बढ़ाई

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकरदाताओं को जुर्माना देकर अपने कर अपराध का निपटान कराने के अवसर की समयसीमा यानी लास्ट डेट 31 जनवरी 2020 तक बढ़ा दी है।

Written by: India TV Paisa Desk
Updated : January 04, 2020 17:18 IST
Taxpayers, Income Tax, CBDT, tax evasion- India TV Paisa

पुराने टैक्स विवाद को लेकर टैक्सपेयर्स के लिए सितंबर 2019 में शुरू की गई सबका विश्वास योजना की अंतिम तारीख 31 जनवरी 2020 तक बढ़ाई गई। 

नई दिल्ली। व्यापारियों को भारी भरकम ब्याज और पेनल्टी से बचना है तो केंद्रीय उत्पाद और सेवा कर के विवादित मामलों का निपटारा कर लें। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकरदाताओं को जुर्माना देकर अपने कर अपराध का निपटान कराने के अवसर की समयसीमा यानी लास्ट डेट 31 जनवरी 2020 तक बढ़ा दी है। यह अवसर एक बार के लिए है, इससे पहले यह सुविधा 31 दिसंबर 2019 तक खुली थी। 

सीबीडीटी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) की क्षेत्रीय शाखाओं और अन्य संगठनों की सलाह पर समयसीमा बढ़ाने का यह निर्णय लिया गया है। सीबीडीटी को बताया गया था कि कुछ दिक्कतों के कारण करदाता इस योजना का लाभ नहीं उठा सके हैं। सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे करदाताओं को फायदा देने तथा अदालतों के समक्ष मुकदमों का बोझ कम करने के लिये कंपाउंडिग (जुमार्ना लेकर जुर्म खत्म करने) की सुविधा की समयसीमा बढ़ाने का फैसला लिया गया है। जीएसटी से पहले के पुराने टैक्स विवाद खत्म करा लें वरना आगे चलकर आपको काफी परेशानी हो सकती है। 

गौरतलब है कि 'सबका विश्वास योजना' में विवादों का निस्तारण करने पर केंद्र सरकार ब्याज और पेनल्टी में 70 प्रतिशत तक छूट दे रही है। 31 जनवरी 2020 को ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। जीएसटी लागू होने से पहले के टैक्स विवादों का निस्तारण करने के लिए केंद्र सरकार ने सबका विश्वास योजना शुरू की थी।

सबका विश्वास योजना में योग्य व्यक्तियों को एकबारगी मौका दिया गया है कि वे अपने उचित कर की घोषणा करें और प्रावधानों के अनुरूप उसका भुगतान करें। मंत्रालय के अनुसार विभिन्न अर्धन्यायिक मंचों, अपीलीय न्यायाधिकरणों और न्यायिक मंचों के तहत सेवाकर और उत्पाद शुल्क के कुल मिलाकर 3.6 लाख करोड़ रुपए की देनदारी वाले 1.83 लाख मामले लंबित हैं। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना का लाभ उठाने के पात्र इन 1.84 लाख करदाताओं में से 31 दिसंबर 2019 की सुबह तक 1,33,661 करदाताओं ने आवेदन जमा कराए हैं।

आवेदन करने वाले इन करदाताओं पर 69,550 करोड़ रुपए का कर बकाया है। योजना के तहत राहत पाने के बाद इन्हें 30,627 करोड़ रुपए का कर भुगतान करना होगा। मंत्रालय का कहना है कि सबका विश्वास योजना को करदाताओं ने अब तक की सबसे फायदे वाली योजना के तौर पर माना है। सरकार ने अब तक ऐसी जितनी भी योजनाओं की घोषणा की, उनमें यह सबसे ज्यादा पसंद की गई। सरकार ने योजना में करदाताओं के बीच भारी रुचि को देखते हुए कहा है कि पात्र करदाता योजना का लाभ उठाने से पीछे नहीं रहेंगे और जल्द से जल्द आवेदन करेंगे ताकि उन्हें तय राहत और माफी का फायदा मिल सके।

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