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कृषि कानून के पक्ष में उतरे किसान, तोमर से मुलाकात के बाद दिया ये बड़ा बयान

केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन कानून लागू किए थे जिसमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020, और आवश्यक वस्तु (संशोधन कानून) 2020 शामिल हैं।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 07, 2020 22:25 IST
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Photo:PTI

कृषि कानून के पक्ष में उतरे किसान

नई दिल्ली| किसानों के द्वारा घोषित भारत बंद के एक दिन पहले ही हरियाणा के किसानों के संगठनों ने नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से इन्हें वापस नहीं लेने की मांग की है। इन किसानों ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सोमवार को एक पत्र लिखकर नये कानून का समर्थन किया। वहीं हरियाणा के किसानों का एक दल इस बारे में आज कृषि मंत्री से भी मिला। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने कहा कि वे कृषक हैं और किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि हैं। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान यूनियन (अतर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतर सिंह संधु और प्रगतिशील किसान संघ के कंवलसिंह चव्हान शामिल थे। कृषि मंत्री से मिलने के बाद  पद्मश्री से सम्मानित कंवलसिंह चव्हान ने कहा कि जो किसान विरोध कर रहे हैं उन्हें बहकाया जा रहा है, प्रधानमंत्री एमएसपी और मंडी सिस्टम को बनाए रखने के बारे में पहले ही आश्वासन दे चुके हैं।

वहीं इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री के नाम इस पत्र में इन किसानों ने लिखा है कि, "हम हरियाणा के 70 हजार एफपीओ से जुड़े किसान (50,000 किसान जो एफपीओ से हुड़े हैं) और 50 हजार से अधिक प्रगतिशील किसान भारत सरकार द्वारा लाए तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में हैं।" हालांकि उन्होंने किसान संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप इनमें संशोधन जारी रखने की मांग की है। उन्होंने कहा, हम किसान संगठनों की ओर से एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और मंडी व्यवस्था (एपीएमसी मंडी) जारी रखने के पक्षधर हैं। हालांकि उन्होने साफ किया कि कानूनों में संशोधन हो लेकिन इन कानूनों को वापस नही लिया जाए। इन्होंने किसान संगठनों के सुझावों के अनुरूप कानून में संशोधन के साथ तीनों कानूनों को जारी रखने की मांग की है। उन्होंने सरकार से उनकी बात सुनने के लिए उन्हें भी समय देने का अनुरोध किया है।

केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में हो रहा है और किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन कानून लागू किए थे जिसमें  कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020, और आवश्यक वस्तु (संशोधन कानून) 2020 शामिल हैं। केंद्र सरकार का दावा है कि इन कानूनों की मदद से किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत मिलेगी, वहीं केंद्र ने एमएसपी पर लेकर किसानों के सुझावों को मानने की बात कही है। हालांकि विरोध करने वाले किसान संगठन आशंका जता रहे हैं कि इससे एमएसपी को खत्म कर एग्री सेक्टर को निजी कंपनियों के रहमो करम पर छोड़ दिया जाएगा। पंजाब, हरियाणा समेत देश के अन्य प्रांतों के किसान संगठनों से जुड़े लोग देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस मसले को लेकर केंद्र सरकार के साथ उनकी पांच दौर की वार्ता हो चुकी है और अगले दौर की वार्ता नौ दिसंबर को होने वाली है। इस बीच किसान नेताओं ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। दोनो पक्षों के बीच अगली बैठक 9 दिसंबर को होनी है।

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