नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के बीच देश के आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर में पट्टे पर कार्यालय स्थल लेने की मांग 70 प्रतिशत घटी है। वहीं इस दौरान, आवास बिक्री में भी 43 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, इससे पिछले तिमाही से यदि तुलना की जाये तो स्थिति में सुधार आया है। संपत्ति सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया ने बृहस्पतिवार को जारी अपनी एक रपट में यह जानकारी दी। रपट में कहा गया है कि अप्रैल-जून तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में स्थिति में सुधार आया है। दफ्तरों को पट्टे पर लेने में 81 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है। गौरतलब है कि अप्रैल-जून तिमाही का एक बड़ा हिस्सा कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लगाये गए लॉकडाउन में बीत गया था। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा, ‘‘जुलाई-सितंबर तिमाही के आंकड़े प्रोत्साहित करने वाले हैं। लेकिन हम अभी तक उबरे नहीं है। समीक्षा तिमाही में बिक्री में सुधार होना काफी रोमांचित करने वाला है।’’ बैजल ने अगले साल संपत्ति बाजार में मांग के 2019 के स्तर पर अथवा उससे भी आगे निकलने की उम्मीद जतायी। आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में आठ शहरों में आवास बिक्री 43 प्रतिशत गिरकर 33,403 इकाई रही। जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 58,183 मकान बिके थे। इसी तरह समीक्षावधि में 47 लाख वर्ग फुट क्षेत्र कार्यालय के तौर पर पट्टे पर लिया गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के 1.57 करोड़ वर्ग फुट के मुकाबले 70 प्रतिशत कम है।
नाइट फ्रैंक इंडिया दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र, बेंगलुरू, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद के संपत्ति खरीद-फरोख्त के आंकड़े जुटाती है। मुंबई की यदि बात की जाये तो जुलाई- सितंबर 2020 में आवास बिक्री 7,635 इकाई रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 14,733 इकाई रही। वहीं कार्यालय स्थल की मांग एक साल पहले के 27 लाख वर्गफुट के मुकाबले इस साल दूसरी तिमाही में 10 लाख वर्गफुट रही। दिल्ली एनसीआर बाजार में आवासीय संपत्तियों की बिक्री एक साल पहले दूसरी तिमाही में जहां 12,000 इकाई रही थी वहीं इस साल यह घटकर 6,147 इकाई रही। कार्यालय स्थल की मांग इस दौरान 9 लाख वर्गफुट रही जो कि एक साल पहले 18 लाख वर्गफुट रही थी।