इंडस्ट्री के जानकार का कहना है कि बड़े भारतीय शहरों में नए लॉन्च प्रोजेक्ट्स की कीमतों में तेज बढ़ोतरी मजबूत एंड यूजर डिमांड, स्थिर निवेशक विश्वास और बढ़ती निर्माण लागत को दर्शाती है।
रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 17 के मुताबिक, किसी भी अचल संपत्ति की बिक्री का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, अगर उसकी कीमत 100 रुपये से ज्यादा है।
दिल्ली-एनसीआर में बिक्री में 20 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है, जो 15,650 यूनिट से घटकर 12,520 यूनिट रह जाएगी।
कीमतों में तेजी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए विकास और समृद्धि की कहानी कहती हैं। हालांकि, ये भारत के मध्यम वर्ग पर बढ़ते बोझ का भी संकेत हैं।
30 सितंबर, 2024 तक बकाया व्यक्तिगत होम लोन में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी का हिस्सा 39 प्रतिशत, एमआईजी का 44 प्रतिशत और एचआईजी का 17 प्रतिशत था।
गोदरेज प्रॉपर्टीज ने बताया कि कंपनी ने प्रॉपर्टी की जबरदस्त डिमांड के बीच 12.3 लाख वर्ग फुट वाले इस प्रोजेक्ट में कुल 1398 हाउसिंग प्रॉपर्टी बेची हैं। गोदरेज एवरग्रीन स्क्वायर में 24.1 लाख वर्ग फुट की डेवलपमेंट योग्य क्षमता है, जिसका अनुमानित राजस्व क्षमता करीब 2045 करोड़ रुपये है।
मेयर महेश खिंची ने कहा कि 25 तारीख को आगामी एमसीडी हाउस की बैठक में इस निर्णय को आधिकारिक रूप से लागू करेंगे।
आरबीआई ने बताया कि उसने सोमवार को एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को प्रशासनिक चिंताओं और अलग-अलग भुगतान दायित्वों को पूरा करने में चूक के कारण भंग कर दिया।
भारतीय आवास बाजार में 2-5 करोड़ रुपये की कीमत वाले घरों की मजबूत मांग देखी गई। हैदराबाद और पुणे ने अब तक के उच्चतम स्तर को छुआ और मुंबई ने 13 साल का शिखर दर्ज किया।
जेएलएल इंडिया ने कहा कि रेसिडेंसिल यूनिट की बिक्री अच्छी बनी हुई है और 2024 में नौ महीने (जनवरी-सितंबर) की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। घरों की कीमत में इस साल काफी तेजी देखने को मिली है। दिल्ली-एनसीआर में कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ी हैं।
घरों की कीमत में वृद्धि जारी है। आम आदमी की पहुंच से घर की कीमत अब बाहर निकल रहा है। मेट्रो शहरों के अलावा छोटे शहरों में भी घरों की कीमत तेजी से बढ़ी है।
प्रॉपटाइगर का कहना है कि बिक्री और नए ऑफर दोनों में सालाना आधार पर गिरावट बढ़ती कीमतों के प्रति बाजार की प्रतिक्रिया को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि हम बाजार गतिविधि में एक स्वस्थ मंदी देख रहे हैं, जो एंड यूजर के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह स्थायी ग्रोथ लाता है।
कंपनी ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के लिए फ्लैट की कीमत सिर्फ 5.35 लाख रुपये होगी जबकि निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए बने फ्लैट की कीमत 12.58 लाख रुपये से शुरू होगी। ये प्रोजेक्ट गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में 40 एकड़ में फैली प्रतीक ग्रैंड सिटी टाउनशिप का हिस्सा है।
जुलाई-सितंबर के दौरान दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 7 प्रतिशत घटकर 12,976 यूनिट्स रह गई।
प्रॉपइक्विटी ने अनुमान लगाया गया है कि भारत में जुलाई-सितंबर में नौ प्रमुख शहरों में बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 1,04,393 यूनिट रह गई। क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष इरफान रजाक ने कहा कि मांग तो है, लेकिन पेशकश नहीं है।
वेव सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव गुप्ता ने कहा, ‘‘ हम 70 लाख वर्ग फुट एरिया में 8000 से 9000 फ्लैट बनाएंगे। पिछले 12 महीने में टाउनशिप वेव सिटी में प्रीमियम फ्लैट के लिए खरीदारों की मांग तेजी से बढ़ी है।''
इन्वेस्टमेंट फर्म जेफरीज ने कहा कि सरकार की ओर से किए जाने वाले पूंजीगत निवेश में पिछले पांच वर्षों में तीन गुना का इजाफा देखने को मिला है। लेकिन, अब सरकार के सहयोग से निजी सेक्टर भी तेजी से पूंजीगत निवेश बढ़ा रहा है, जिसके कारण आने वाले वर्षों में हाउसिंग सेक्टर में तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आवास कीमतें 19,111 रुपये प्रति वर्ग फुट से छह प्रतिशत बढ़कर 20,275 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। पुणे में, आवासीय संपत्तियों की कीमतें अप्रैल-जून, 2024 में 13 प्रतिशत बढ़ीं। यह 9,656 रुपये प्रति वर्ग फुट रहीं।
बोमन रुस्तम ईरानी ने कहा कि हाउसिंग मार्केट में अभी भी मजबूत डिमांड बनी हुई है। इसलिए कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में अपनी सेल्स बुकिंग में 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने इस उम्मीद जताते हुए कहा कि कंपनी इस आंकड़े को पार कर लेगी।
बिल्डरों द्वारा अधिक प्रीमियम फ्लैट लॉन्च किए जाने के चलते अप्रैल-जून की अवधि में सात प्रमुख शहरों में किफायती अपार्टमेंट्स की नई सप्लाई, जिनकी कीमत 50 लाख रुपये से कम है, में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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