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भारत का कोविड के बाद का बजट पारदर्शी और दूरदर्शी है : अनुराग ठाकुर

आईएमएफ के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 11 प्रतिशत से अधिक होगी, जबकि आरबीआई का अनुमान इसे 10.5 प्रतिशत के आसपास बताता है। दुनिया में भारत एकमात्र ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है, जहां जीडीपी ग्रोथ को लेकर लगाया गया अनुमान दोहरे अंकों में है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : February 07, 2021 12:19 IST
बजट पारदर्शी और...- India TV Paisa
Photo:PTI

बजट पारदर्शी और दूरदर्शी

नई दिल्ली| कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद पेश हुआ भारत का पहला बजट विवेकपूर्ण, पारदर्शी और भविष्य आधारित है। साफ तौर पर इस बजट का मकसद देश को आत्मनिर्भर बनाना है। ये कहना है वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का। एक विशेष साक्षात्कार में अनुराग ठाकुर ने महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर आए असर को लेकर आईएएनएस से कहा, "भारत इस महामारी के चलते मजबूत होकर उभरा है। जिन देशों ने लॉकडाउन नहीं किया, उनकी स्थिति हम देख रहे हैं। उन देशों में बड़े पैमाने पर लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जबकि भारत सबसे कम मृत्यु दर वाला देश रहा।

 

उन्होंने कहा "अगर अनुमानों को देखें तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 11 प्रतिशत से अधिक होगी, जबकि आरबीआई का अनुमान इसे 10.5 प्रतिशत के आसपास बताता है। दुनिया में भारत एकमात्र ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है, जहां जीडीपी ग्रोथ को लेकर लगाया गया अनुमान दोहरे अंकों में हैं। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधारों के कारण संभव हुआ है। ये सुधार 1990 के दशक में किए गए सुधारों से भी बड़े सुधार थे। उनकी दूरदर्शी और विवेकपूर्ण सोच ने संकट को अवसर में बदल दिया और इतनी रिकवरी की गति बढ़ाई।"

अनुराग ठाकुर के मुताबिक अब हम दुनिया की 6 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। 2021 का वित्तीय वर्ष कोविड-19 का साल था। हमारे लिए उधार लेना जरूरी था। भारत सरकार ने लोगों को खाद्यान्न, पैसा और सब्सिडी देने के लिए 12.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक उधार लिए हैं। इससे 8 महीनों में 80 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्यान्न, दालें दी गईं। 30 करोड़ महिलाओं को सरकार ने उनके जन धन खातों में 31,000 रुपये दिए गए हैं। 3 करोड़ दिव्यांगों, विधवाओं और वृद्धों को 3,000 करोड़ रुपये और किसानों को 1.10 लाख करोड़ रुपये दिए गए। जाहिर है, आप यदि महामारी से लड़ने के लिए राज्यों की मदद करना चाहते हैं तो आपको उधार लेना पड़ेगा क्योंकि शुरू के 3 महीनों में तो अर्थव्यवस्था एक तरह से बंद थी।"

5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को लेकर अनुराग ठाकुर ने कहा, "अर्थव्यवस्था को निवेश की जरूरत है, तभी विकास दर में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।आर्थिक वृद्धि बढ़ाने का हमारा प्रयास अब भी जारी है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण हमने एक साल खो दिया। तीव्र मंदी से उबरने में किसी भी अर्थव्यवस्था को समय तो लगा ही है। हमने अच्छा बजट पेश किया है, जिसका असर बाजार के सेंटीमेंट्स में भी स्पष्ट रूप से दिखता है। "

इस बजट में भविष्य निधि (पीएफ) और यूलिप्स में अलग-अलग बचत पर टैक्स फ्री इंटरेस्ट पर कैप लगाया है। क्या इससे वेतनभोगियों को नुकसान नहीं होगा। इस मामले में वित्त राज्य मंत्री का कहना है, "कई लोगों ने पीएफ में निवेश का लाभ उठाया है जो टैक्स फ्री रिटर्न देते हैं। लेकिन यह लाभ हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअलल्स (एचएनआई) द्वारा भी लिए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ ने तो अपने पीएफ खातों में 2 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या यह बचत कर्मचारियों के लिए है, या उन लोगों के लिए जिनके पास बड़ी संपत्तियां हैं। वे अपने पीएफ खातों में साल में 50 करोड़ रुपये जमा कर रहे हैं और 8 प्रतिशत का टैक्स फ्री रिटर्न ले रहे हैं। लिहाजा कैप लगने से आम आदमी के लिए तो कोई बदलाव नहीं हुआ है।"

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