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मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए किया समिति का गठन

विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अलग-अलग है। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी का तात्पर्य ऐसे वेतन से है, जो पूरे देश में सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : June 03, 2021 16:11 IST
Modi Govt take big step, sets up expert panel to fix minimum wages- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

Modi Govt take big step, sets up expert panel to fix minimum wages

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए प्रोफेसर अजीत मिश्रा की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है और न्यूनतम मजदूरी तथा राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण पर तकनीकी जानकारी और सिफारिश देने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है।

विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अलग-अलग है। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी का तात्पर्य ऐसे वेतन से है, जो पूरे देश में सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होता है। समूह का गठन अधिसूचना की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए किया गया है। यह समूह मजदूरी दरों को तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को देखेगा और मजदूरी निर्धारण के लिए एक वैज्ञानिक मानदंड विकसित करेगा।

विशेषज्ञ समूह की अध्यक्षता इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के निदेशक प्रोफेसर अजीत मिश्रा करेंगे। विशेषज्ञ समूह के सदस्यों में प्रोफेसर तारिका चक्रवर्ती (आईआईएम कलकत्ता), अनुश्री सिन्हा (सीनियर फेलो, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च), विभा भल्ला (संयुक्त सचिव), एच श्रीनिवास (महानिदेशक, वीवी गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट) शामिल हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के वरिष्ठ श्रम एवं रोजगार सलाहकार डी पी एस नेगी सदस्य सचिव हैं।

मुकेश अंबानी ने नहीं लिया वेतन

देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से कोई वेतन नहीं लिया। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते व्यापार और अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के कारण स्वेच्छा से अपना पारिश्रमिक छोड़ दिया।

रिलायंस की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अंबानी का पारिश्रमिक ‘‘शून्य’’ था। उन्होंने इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी से 15 करोड़ रुपये का वेतन प्राप्त किया, जो पिछले 15 वर्षों से इसी स्तर पर बना हुआ था। अंबानी के चचेरे भाई निखिल और हिताल मेसवानी का पारिश्रमिक 24 करोड़ रुपये पर बरकरार रहा, लेकिन इस बार इसमें 17.28 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल है।

 

 

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