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मोदी सरकार ने करोड़ों कर्मचारियों को दिया तोहफा, EDLI योजना के तहत बीमा राशि बढ़ाकर की 7 लाख रुपये

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 28 अप्रैल को ईडीएलआई योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने के फैसले को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : April 29, 2021 21:22 IST
Modi govt gives big gift, hikes maximum sum assured payable under EDLI scheme to Rs 7 lakh- India TV Paisa
Photo:PTI

Modi govt gives big gift, hikes maximum sum assured payable under EDLI scheme to Rs 7 lakh

नई दिल्‍ली। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के न्यासी बोर्ड ने कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना  (EDLI) 1976 के तहत दी जाने वाली अधिकतम बीमा राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता वाले ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने नौ सितंबर, 2020 को डिजिटल तरीके से आयोजित बैठक में ईडीएलआई योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का निर्णय किया था। सीबीटी ने 14 फरवरी, 2020 के बाद न्यूनतम बीमा राशि 2.5 लाख रुपये बरकरार रखने का भी निर्णय किया था।

गंगवार ने कहा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बुधवार (28 अप्रैल) को ईडीएलआई योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने के फैसले को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि अधिकतम बीमा राशि अधिसूचना की तारीख से लागू होगी। उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम बीमा राशि 2.5 लाख रुपये पूर्व की तिथि 15 फरवरी, 2020 से लागू होगी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2018 को एक अधिसूचना के जरिये ईडीएलआई के तहत न्यूनतम बीमा राशि बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था। यह वृद्धि दो साल के लिए की गई थी। इसकी अवधि 15 फरवरी, 2020 को समाप्त हो गई। इसीलिए, उक्त लाभ को 15 फरवरी से आगे जारी रखने और पूर्व की तिथि से प्रभाव में रखने के लिए संशोधन को फिर से अधिसूचित किया गया है।

मंत्रालय के अनुसार इससे किसी व्यक्ति का हित प्रभावित नहीं होगा। सीबीटी ने अधिकतम बीमा राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने के लिए सितंबर 2020 में ईडीएलआई, 1976 के पैराग्राफ 22 (3) में संशोधन को मंजूरी दी थी। इस संशोधन का मकसद योजना से जुड़े उन सदस्यों के परिवार और आश्रितों को राहत प्रदान करना है, जिनका सेवा में रहते दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो जाता है। सीबीटी की मार्च 2020 में हुई बैठक में ईपीएफओ न्यासियों ने न्यूनतम 2.5 लाख रुपये का निश्चित लाभ उस मृतक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को देने की सिफारिश की, जिनका निधन सेवा के दौरान हो जाता है।

पूर्व में यह व्यवस्था थी कि न्यूनतम 2.5 लाख रुपये और अधिकतम 6 लाख रुपये की बीमा राशि उस स्थिति में नहीं मिलेगी, जहां सदस्य ने मृत्यु वाले महीने के पहले 12 महीने की अवधि में एक से अधिक प्रतिष्ठान में काम किया है। बोर्ड की मार्च 2020 में 226वीं बैठक में सदस्य के कई प्रतिष्ठानों में काम करने की स्थिति में ये ये लाभ देने को मंजूरी दी गई।

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