नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) अपनी खाली पड़ी जमीन एवं इमारतों के मौद्रिकरण (बिक्री या किराये पर देना) और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी करके 6,500 करोड़ रुपए तक की पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयरधारकों की मंजूरी लेगी।
महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) ने बुधवार को कहा कि इस संबंध में कंपनी की असाधारण आम बैठक आठ जनवरी 2020 को होगी। कंपनी 4 जी स्पेक्ट्रम लागत के मद में सरकार को निजी नियोजन आधार पर गैर-परिवर्तनीय विमोचनीय गैर-संचयी तरजीही शेयर (एनसीआरएनसीपीएस) जारी करने के लिए शेयरधारकों से मंजूरी मांगेगी।
एमटीएनएल ने कहा कि उसने शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है कि वह निदेशक मंडल को एक या अधिक किस्तों में 6,500 करोड़ रुपए तक के सरकारी गारंटी वाले प्रतिभूति रहित, सूचीबद्ध, विमोचनीय गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने के लिए अधिकृत करे। ये डिबेंचर बांड के रूप में जारी किए जाएंगे।
वहीं, निदेशक मंडल की ओर से चिह्नित/पहचान की गई कंपनी की इमारतों और जमीन को बाजार पर चढ़ाने के लिए मंजूरी मांगी जा रही है। यह निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के दिशा-निर्देशों और केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से कंपनी की पुनरुद्धार योजना के अनुरूप है। इसके अलावा, परिसंपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने से प्राप्त होने वाली आय के लिए एक एस्क्रो खाता खोलने की भी मंजूरी मांगी गई है।
एमटीएनएल की 4 जी स्पेक्ट्रम की लागत के एवज में सरकार को निजी नियोजन आधार पर गैर-परिवर्तनीय विमोचनीय गैर-संचयी तरजीही शेयर (एनसीआरएनसीपीएस) जारी करने की योजना है। इसमें 100 रुपए मूल्य के 62.95 करोड़ तरजीही शेयर शामिल हैं। जिसका कुल मूल्य 6,295 करोड़ रुपए होगा। सरकार ने हाल ही में बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपए के पुनरूद्धार पैकेज को मंजूरी दी है।
इसमें घाटे में चल रही दोनों कंपनियों का विलय करने, उनकी संपत्तियों को बेचने और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना (वीआरएस) देने सहित कई उपायों की घोषणा की है। दोनों कंपनियों ने पहले ही वीआरएस की पेशकश की हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बीएसएनएल के 78,569 कर्मचारियों और एमटीएनएल के 14,387 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है।