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भारत पर बढ़ रहा है विदेशी निवेशकों का भरोसा, P-notes के जरिये फरवरी में आए 91,658 करोड़ रुपये

एपीआई के तहत प्रबंधित संपत्ति का आंकड़ा 44.07 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इतिहास में अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 19, 2021 13:34 IST
P-notes investment climbs to 33-month high at Rs 91,658 cr in Feb- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

P-notes investment climbs to 33-month high at Rs 91,658 cr in Feb

नई दिल्‍ली। भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (P-notes) के जरिये निवेश फरवरी के अंत तक बढ़कर 91,658 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पी-नोट्स के जरिये निवेश का 33 माह का उच्चस्तर है। इससे पता चलता है कि भारतीय पूंजी बाजार के प्रति विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है। पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो (FPI) निवेशकों द्वारा पी-नोट्स उन निवेशकों को जारी किए जाते हैं, तो बिना पंजीकरण के भारतीय पूंजी बाजारों में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें पूरी जांच-परख की प्रक्रिया को पूरा करना होता है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के आंकड़ों के अनुसार भारतीय बाजारों-इक्विटी, ऋण और हाइब्रिड सिक्योरिटीज- में पी-नोट्स के जरिये निवेश फरवरी के अंत तक बढ़कर 91,658 करोड़ रुपये हो गया। जनवरी के अंत तक यह 84,916 करोड़ रुपये था। यह पी-नोट्स के जरिये निवेश का 33 माह का उच्चस्तर है। इससे पहले मई, 2018 में पी-नोट्स के जरिये 93,497 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।

फरवरी तक पी-नोट्स के जरिये हुए कुल 91,658 करोड़ रुपये के निवेश में से 84,195 करोड़ रुपये शेयरों में निवेश किए गए। इसके अलावा 6,833 करोड़ रुपये ऋण या बांड और 630 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में डाले गए। रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख-रणनीति विनोद मोदी ने कहा कि फरवरी में पी-नोट्स के जरिये एफपीआई की जबर्दस्त भागीदारी घरेलू बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है। अप्रैल, 2020 से पी-नोट्स के जरिये एफपीआई के निवेश में लगातार सुधार हो रहा है।

ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्‍थापक दिवम शर्मा ने कहा कि भारत में स्थिर सरकार और उसके कठोर सुधारों की वजह से विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में बढ़ा है। अर्थव्‍यवस्‍था के आगे बढ़ने से इसका फायदा भारत के हर नागरिक को मिलेगा। हालांकि कोविड-19 की सेकेंड वेव और अमेरिका में बांड यील्‍ड में वृद्धि से निकट भविष्‍य में एफपीआई इनफ्लो पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। एपीआई के तहत प्रबंधित संपत्ति का आंकड़ा 44.07 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इतिहास में अबतक का सबसे ऊंचा स्‍तर है। जनवरी अंत तक यह आंकड़ा 41.15 लाख करोड़ रुपये था। पिछले महीने एफपीआई ने कैपिटल मार्केट में 24,000 करोड़ रुपये का निवेश किया।

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