Tuesday, April 30, 2024
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रघुराम राजन का सुझाव, दुनिया को ब्रेटन वुड्स की तर्ज पर नए अंतरराष्ट्रीय करार की जरूरत

प्रोजेक्ट सिंडिकेट की वेबसाइट पर डाली टिप्पणी में रघुराम राजन ने कहा, कि अंतत: हमें ब्रेटन वुड्स की तर्ज पर एक नए अंतरराष्ट्रीय करार की जरूरत होगी।

Shubham Shankdhar Shubham Shankdhar
Updated on: March 21, 2016 20:36 IST
दुनिया को ब्रेटन वुड्स की तर्ज पर नए अंतरराष्ट्रीय करार की जरूरत: रघुराम राजन- India TV Paisa
दुनिया को ब्रेटन वुड्स की तर्ज पर नए अंतरराष्ट्रीय करार की जरूरत: रघुराम राजन

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा  कि दुनिया लगातार खतरे की स्थिति का सामना कर रही है ऐसे में ब्रेटन वुड्स की तर्ज पर एक नए अंतरराष्ट्रीय करार की जरूरत है, जिससे केंद्रीय बैंकों को ऐसी नीतियां अपनाने से रोका जा सके जो दूसरे देशों की अर्थव्यवस्थाओं को चोट पहुंचा सकती हैं। प्रोजेक्ट सिंडिकेट की वेबसाइट पर डाली टिप्पणी में राजन ने कहा, मेरा मानना है कि अंतत: हमें ब्रेटन वुड्स की तर्ज पर एक नए अंतरराष्ट्रीय करार की जरूरत होगी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली केंद्रीय बैंकों की अनिवार्यताओं पर कुछ पुन: व्याख्या करनी होगी। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के केंद्रीय बैंक अपनी नीतियों को उचित ठहराने के लिए सभी तरह के तरीके अपनाते हैं। वे इस तथ्य को स्वीकार नहीं करते कि उनकी नीतियों का असर आगे पड़ने का शुरुआती जरिया विनिमय दरें ही हैं। राजन ने कहा कि हमें ऐसे मौद्रिक नियम चाहिए जिससे किसी केंद्रीय बैंक की घरेलू बाजार की जरूरत अंतरराष्ट्रीय दायित्व को प्रभावित न कर सके।

राजन कहा कि नियम बनाने में समय लगेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास विकल्प है। हम यह सोच सकते हैं कि वैश्विक मौद्रिक गैर प्रणाली के साथ सब कुछ ठीक है और उम्मीद कर सकते हैं कि कुछ बहुत अधिक गलत नहीं होगा या फिर हम ऐसी प्रणाली बना सकते हैं जो 21वीं सदी की एकीकृत दुनिया के अनुकूल है। रिजर्व बैंक गवर्नर राजन ने कहा कि दुनिया लगातार खतरनाक स्थिति का सामना कर रही है। घरेलू राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए विकसित और उभरती दोनों अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ना होगा।

राजन ने कहा, यदि सरकारें ऐसी नीतियां लागू करती हैं जिससे दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते से हटती हैं तो इस प्रकार की नीतियों से दूसरे देशों की आर्थिक समस्यायें बढ़तीं हैं। ऐसे में हमें खेल के नए नियमों की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष :आईएमएफ: और विश्व बैंक की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा कि वृद्धि दर को 2008 के पहले के स्तर पर लाने के लिए उपाय यह है कर्ज को बट्टे खाते में डालकर मांग पैदा की जाए। राजन ने कहा, यह कह पाना मुश्किल है कि बट्टे खाते में डालना राजनीतिक दृष्टि से व्यावहारिक है या नहीं, या फिर इससे पैदा होने वाली मांग टिकाउ होगी या नहीं। इसके अलावा कई अन्य कारक मसलन आबादी की उम्र बढ़ने और उत्पादकता वृद्धि दर कम रहने की वजह से भी सुधार में बाधा आ रही है।

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