मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोशल मीडिया पर नौ बैंकों को बंद करने की अफवाहों का बुधवार को खंडन किया। आरबीआई ने कहा कि कोई भी वाणिज्यिक बैंक बंद नहीं हो रहा है। वित्त सचिव राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर चल रहे इन संदेशों को 'शरारतपूर्ण' बताया और कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालकर उन्हें मजबूत बनाने की तैयारी में है। केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, 'सोशल मीडिया के कुछ तबकों में खबरें चल रही हैं कि आरबीआई कुछ वाणिज्यिक बैंकों को बंद कर रहा है। यह पूरी तरह से गलत और झूठी खबरें हैं।'
उल्लेखनीय है कि कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदेश प्रचारित किया जा रहा है कि आरबीआई नौ बैंकों को स्थायी रूप से बंद करेगा और उसने लोगों से इन बैंकों से अपना पैसे वापस निकालने की अपील की है। कुमार ने ट्वीट में कहा, 'किसी भी सार्वजनिक बैंक को बंद करने का सवाल ही नहीं उठता है। इसके बजाए सरकार सुधारों और पूंजी निवेश के माध्यम से सरकारी बैंकों को मजबूत कर रही है ताकि वह अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दे सके।' जिन बैंकों को बंद करने की अफवाहें उड़ रही हैं, उनमें ऐसे बैंक शामिल हैं, जिनका या तो दूसरे बैंकों में विलय हो गया है फिर विलय होने की प्रक्रिया में हैं। इनमें कॉरपोरेशन बैंक, यूको बैंक, आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आंध्रा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक और यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल है।
सरकार ने पिछले महीने ही सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का विलय कर उन्हें चार बैंकों में तब्दील करने का फैसला किया है। ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में विलया किया जायेगा। वहीं सिंडीकेट बैंक को केनरा बैंक में मिलाया जायेगा। आंध्र बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय किया जायेगा जबकि इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया जायेगा। सरकार देना बैंक और विजय बैंक का पहले ही बैंक आफ बड़ौदा में विलय कर चुकी है।