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शहरों से ज्यादा गांव में महंगाई की मार, कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ी वजह: HSBC

वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC के मुताबिक भारत के गांवों में खाद्य महंगाई के साथ-साथ ईंधन आदि की महंगाई दर शहरों के मुकाबले अधिक है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: October 22, 2015 18:19 IST
शहरों से ज्यादा गांव में महंगाई की मार, कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ी वजह: HSBC- India TV Paisa
शहरों से ज्यादा गांव में महंगाई की मार, कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर बड़ी वजह: HSBC

नई दिल्ली। महंगाई में पिछले कुछ महीनों के दौरान आई गिरावट का फायदा पूरे देश में एक समान नहीं मिला है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC के मुताबिक भारत के गांवों में खाद्य महंगाई के साथ-साथ ईंधन आदि की महंगाई दर शहरों के मुकाबले अधिक है। , खाद्य और मुख्य खंडों में महंगाई अधिक है।

कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर गांवों में महंगाई की बड़ी वजह

एचएसबीसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि गांवों में कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से ग्लोबल स्तर पर आई महंगाई दर में गिरावट का फायदा तक नहीं पहुंचा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महंगाई दर की गति सालाना 5.5 फीसदी है, जो आरबीआई के जनवरी माह के लिए तय छह फीसदी लक्ष्य से कम है। रिपोर्ट में कहा गया कि इन ब्योरों से स्पष्ट है कि ग्रामीण इलाकों में यह 6.5 फीसदी है, जबकि शहरी इलाकों में यह दर 4.5 फीसदी है।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि सस्ते आयात का फायदा ग्रामीण इलाकों में उतनी अच्छी तरह नहीं पहुंच पा रहा है और ग्रामीण इलाकों में संभावित वृद्धि में भारी कमी से इसकी मुख्य मुद्रास्फीति अत्यधिक बढ़ सकती है। ग्रामीण इलाकों में अत्यधिक मुद्रास्फीति के प्रमुख कारक हैं- खाद्य ईंधन, परिवहन और मुख्य मुद्रास्फीति। कच्चे तेल की कीमत में नाटकीय गिरावट का फायदा ग्रामीण इलाकों को नहीं मिल पाया है।

एक नजर महंगाई के सरकारी आंकड़ों पर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की थोक और खुदरा महंगाई दर लगातार गिर रही है। थोक महंगाई दर अगस्त में -4.95 फीसदी रही, जबकि जुलाई में यह दर -4.05 फीसदी थी। जबकि पिछले साल थोक महंगाई दर 3.85 फीसदी थी। वहीं खुदरा महंगाई दर अगस्त में 3.66 फीसदी रही, जो कि जुलाई में 3.69 फीसदी थी। पिछले साल खुदरा महंगाई दर अगस्त के दौरान 7.80 फीसदी थी। अब बात जमीनी हकिकत की करें तो पिछले एक साल के दौरान प्याज की कीमतों में 100 फीसदी से भी ज्यादा का उछाल आ चुकी है। वहीं दाल की कीमतें भी दोगुनी हो चुकी हैं।

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