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इंफ्रा सेक्टर की 449 प्रोजेक्ट्स की लागत 5 लाख करोड़ बढ़ी, जानें बजट क्यों बढ़ा?

रिपोर्ट के अनुसार, इन 1,873 प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन की मूल लागत 26,87,535.69 करोड़ रुपये थी लेकिन अब इसके बढ़कर 31,88,859.02 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन प्रोजेक्ट्स की लागत 18.65 प्रतिशत यानी 5,01,323.33 करोड़ रुपये बढ़ गई है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : May 12, 2024 12:17 IST, Updated : May 12, 2024 12:17 IST
Infra Projects- India TV Paisa
Photo:FILE इंफ्रा सेक्टर

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 449 प्रोजेक्ट्स की लागत मार्च, 2024 में तय अनुमान से 5.01 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन प्रोजेक्ट की लागत बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की निगरानी करता है। मंत्रालय की मार्च, 2024 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,873 प्रोजेक्ट्स में से 449 की लागत बढ़ गई है, जबकि 779 प्रोजेक्ट्स देरी से चल रही हैं। 

प्रोजेक्ट्स की लागत 18.65 प्रतिशत बढ़ी 

रिपोर्ट के अनुसार, इन 1,873 प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन की मूल लागत 26,87,535.69 करोड़ रुपये थी लेकिन अब इसके बढ़कर 31,88,859.02 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन प्रोजेक्ट्स की लागत 18.65 प्रतिशत यानी 5,01,323.33 करोड़ रुपये बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, मार्च, 2024 तक इन प्रोजेक्ट्स पर 17,11,648.99 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 53.68 प्रतिशत है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 567 पर आ जाएगी। रिपोर्ट में 393 परियोजनाओं के चालू होने के समय का जिक्र नहीं किया गया है। 

प्रोजेक्ट के काम में देरी के ये कारण

इन प्रोजेक्ट्स में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है। इसके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिए जाने में विलंब, परियोजना की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन प्रोजेक्ट्स में विलंब हुआ है। 

औसत समय सीमा 36 महीने बढ़ी 

देरी से चल रही 779 प्रोजेक्ट्स में से 202 प्रोजेक्ट्स एक महीने से 12 महीने, 181 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 277 प्रोजेक्ट्स 25 से 60 महीने और 119 प्रोजेक्ट्स 60 महीने से अधिक की देरी से चल रही हैं। इन 779 प्रोजेक्ट्स में विलंब का औसत 36.04 महीने है। 

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