देरी से चल रही 837 परियोजनाओं में से 202 में एक महीने से लेकर एक साल तक की विलंब बै जबकि 188 में 13-24 महीने की देरी है। वहीं 324 परियोजनाएं पांच साल तक की देरी से चल रही हैं जबकि 123 परियोजनाओं में पांच साल से भी अधिक विलंब हो चुका है।
देरी से चल रही 815 परियोजनाओं में से 193 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 192 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 293 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 137 परियोजनाएं 60 महीने से अधिक की देरी से चल रही हैं।
Delhi NCR, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में, भूमि लागत परियोजना लागत के प्रतिशत में से लगभग 50 प्रतिशत से 80-85 प्रतिशत बैठती है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।
इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है।
Infrastructure Projects: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 150 करोड़ रुपये से अधिक निवेश प्रस्ताव वाली 1,529 परियोजनाओं में से 384 परियोजनाएं अपनी निर्धारित लागत से अधिक हो चुकी हैं।
बुनियादी ढांचा (Infrastructure Projects)क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 386 परियोजनाओं की लागत काफी बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लॉजिस्टिक’ लागत में कमी लाने तथा बुनियादी ढांचा विकास के लिये 13 अक्टूबर को 100 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की।
देश भर में बुनियादी ढांचे का तेजी के साथ विकास करने के लिये गति शक्ति योजना की शुरुआत हुई है, इससे लॉजिस्टिक की लागत घटाने और रोजगार के नये अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना लगभग 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजना है और इसके परिणामस्वरूप लाखों युवाओं के लिए देश में ही नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
रिपोर्ट में शामिल 1,718 परियोजनाओं की मूल लागत 21.99 लाख करोड़ रुपये थी, जिसके बढ़कर 26.36 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गतिशक्ति कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसका मकसद औद्योगिक उत्पादकता को बढ़ावा देना तथा रोजगार अवसर को बढ़ाना है।
बैठक में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हुए
बजट भाषण मे वित्त मंत्री ने कहा था कि नए इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के निर्माण में जरूरी फाइनेंस के लिये परिचालन कर रही संपत्तियों का मॉनिटाइजेशन एक अहम विकल्प है।
गडकरी ने कहा कि वह भारत में बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से बात कर रहे हैं, लेकिन वह उनकी प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं।
मंत्रालय की मई-2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,768 परियोजनाओं में से 478 की लागत बढ़ी है, जबकि 525 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक फरवरी को पेश किए गए बजट में कृषि उपकर से लगभग 30,000 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति का अनुमान है, जिसका इस्तेमाल मंडियों को मजबूत बनाने में किया जाएगा।
सरकार ने नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत करीब 7,000 परियोजनाओं की पहचान की है। इन परियोजनाओं पर 2020- 25 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम और बिक्री पेशकश के जरिये 10,500 करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके हैं। दो बड़ी कंपनियों बीपीसीएल और एयर इंडिया में रणनीति बिक्री की प्रक्रिया जारी है।
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