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सेबी ने शेयर बाजार से डीलिस्टिंग के नियमों में ‘‘एक जैसे व्यवसाय’’ को परिभाषित किया

सेबी ने ‘एक जैसे व्यवसाय’ को परिभाषित करते हुये कहा है कि लिस्टेड होल्डिंग कंपनी और लिस्टेड सब्सिडियरी का कम से कम 50 प्रतिशत राजस्व ‘एक जैसे व्यवसाय’ से आना चाहिये। 

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 06, 2021 22:03 IST
डीलिस्टिंग नियमों में...- India TV Paisa
Photo:FILE

डीलिस्टिंग नियमों में एक जैसे कारोबार परिभाषित

नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को एक ‘व्यवस्थित योजना’ के तहत बाजार से सूचीबद्धता समाप्त करने की योजना बना रही सब्सिडियरी कंपनियों के लिये मानक प्रक्रिया जारी की है। यह प्रक्रिया उन सब्सिडियरी कंपनियों के मामले में जारी की गई है जिनकी लिस्टेड होल्डिंग कंपनी और लिस्टेड सब्सिडियरी कंपनियां ‘‘एक जैसे व्यवसाय’’ में हैं। नियामक ने कहा है कि बहुत सारी लिस्टेड कंपनियां हैं जिनकी लिस्टेड सब्सिडियरी कंपनियां भी उसी व्यवसाय में हैं और दोनों कंपनियों के शेयरों की बाजार में अच्छी मांग है। ऐसे में दोनों- लिस्टेड होल्डिंग कंपनी और लिस्टेड सब्सिडियरी के मिलने से उनको सामंज्य का अच्छा खासा लाभ मिलने की संभावना होती है। सेबी ने ऐसे में ‘एक जैसे व्यवसाय’ को परिभाषित करते हुये कहा है कि लिस्टेड होल्डिंग कंपनी और लिस्टेड सब्सिडियरी का कम से कम 50 प्रतिशत राजस्व ‘एक जैसे व्यवसाय’ से आना चाहिये। 

इसके अलावा लिस्टेड होल्डिंग कंपनी और लिस्टेड सब्सिडियरी  की कम से कम 50 प्रतिशत वास्तविक संपत्ति ‘उसी व्यवसाय’ में निवेश होनी चाहिये। इसके अलावा दोनो कंपनियों की प्रधान आर्थिक गतिविधि राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (एनआईसी) कोड के तहत एक ही समूह में होनी चाहिये। सेबी ने कहा है कि सूचीबद्ध कंपनी का नाम बदलने के मामले में पिछले एक साल के दौरान नये तरीके से और एकीकृत आधार पर की गई गणना में एक पूरे साल के दौरान कम से कम 50 प्रतिशत राजस्व उन्ही गतिविधियों से कमाया हुआ होना चाहिये जो उसके नये नाम में संकेत मिलते हैं। बाजार नियामक ने कहा है कि सूचीबद्ध होल्डिंग कंपनी और सूचीबद्ध अनुषंगी को एक जैसे व्यवसाय में होने को लेकर स्व- प्रमाणन देना होगा। इसके बाद इसे सेबी पंजीकृत मर्चेंट बैंकर और सांविधिक आडीटर से प्रमाणित कराना होगा।

सेबी ने जून में सूचीबद्धता समाप्त करने संबंधी नियमन 2021 को अधिसूचित किया था। इसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से मंजूरी प्राप्त व्यवस्था के तहत किसी लिस्टेड होल्डिंग कंपनी की लिस्टेड सब्सिडियरी को सूचीबद्धता समाप्त करने के लिये रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया से छूट दिये जाने का प्रावधान किया गया था। योजना के प्रभावी होने के बाद लिस्टेड सब्सिडियरी लिस्टेड होल्डिंग कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी बन जायेगी। 

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