Saturday, April 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. सेज के लिए भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और सात राज्यों से मांगा जवाब

सेज के लिए भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और सात राज्यों से मांगा जवाब

सेज स्थापित करने के लिए अधिग्रहित भूमि में से अप्रयुक्त जमीन किसानों को लौटाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट और सात राज्यों को नोटिस जारी किए।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: January 09, 2017 19:35 IST
सेज के लिए भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और सात राज्यों से मांगा जवाब- India TV Paisa
सेज के लिए भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और सात राज्यों से मांगा जवाब

नई दिल्ली। विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) स्थापित करने के लिए अधिग्रहित भूमि में से अप्रयुक्त जमीन किसानों को लौटाने और लाभन्वित कॉर्पोरेट प्रतिष्ठानों द्वारा सेज नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने की सीबीआई से जांच के लिए दायर जनहित याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट और सात राज्यों को नोटिस जारी किए।

प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ ही तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पंजाब राज्य सरकारों को किसानों की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किए। इन सभी को चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है।

अधिग्रहित भूमि का लगभग 80 हिस्सा खाली

  • याचिका में आरोप लगाया गया है कि सेज के लिए अधिग्रहित भूमि का लगभग 80 फीसदी हिस्सा अप्रयुक्त पड़ा हुआ है।
  • गैर सरकारी संगठन सेज फारमर्स प्रोटेक्शन, वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गन्साल्विज ने 2012-13 की सेज के बारे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट का हवाला दिया।
  • कहा कि इससे सिर्फ किसान ही अपनी भूमि से ही नहीं बल्कि रोजगार सृजन जैसे लाभों से भी वंचित हुये। अधिग्रहित क्षेत्र का औद्योगीकरण भी नहीं हुआ।
  • कुद कंपनियों ने तो भूमि के दस्तावेजों को गिरवी रखकर बैंकों से कर्ज भी ले लिया लेकिन उन्होंने इस रकम का इस्तेमाल सेज में अपने भूखंडों को विकसित करने के लिये नहीं किया।

गैर सरकारी संगठन चाहता है कि सेज के निमित्त ली गयी भूमि के प्रति करार के तहत अपने दायित्वों को पूरा नहीं करने वाले कब्जाधारकों के खिलाफ दीवानी और फौजदारी की कार्यवाही शुरू की जाये क्योंकि इसकी वजह से बेरोजगारी हुयी, प्राकृतिक संपदा व्यर्थ हुई और इससे खाद्य सुरक्षा को नुकसान हुआ।

याचिका में केन्द्र और राज्य सरकारों को भूमि अधिग्रहण की वजह से किसानों और उनके आश्रितों पर पड़े प्रभाव का विस्तृत सामाजिक अध्ययन करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement