ऑफिस जॉब करने वालों के लिए बुरी खबर है। दरअसल, आईटी-सॉफ्टवेयर, दूरसंचार व शिक्षा क्षेत्रों में भर्ती के नेगेटिव ट्रेंड के चलते अक्टूबर-नवंबर में कार्यालयों में काम करने वाले (व्हाइट कॉलर जॉब) लोगों की भर्तियों में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की गिरावट आई है। नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान 2,433 लोगों की भर्तियां की गईं, जबकि 2022 में समान अवधि में 2,781 भर्तियां हुई थीं। नौकरी जॉबस्पीक एक मासिक सूचकांक है जो भारतीय नौकरी बाजार की स्थिति और नौकरी डॉट कॉम के बायोडाटा डेटाबेस पर नौकरी पर रखने वालों द्वारा नई नौकरी सूचीबद्ध करने और नौकरी से संबंधित खोजों के आधार पर भर्ती गतिविधि की जानकारी मुहैया कराता है।
इन तीन सेक्टरों में नई भर्तियों में बड़ी गिरावट
दूरसंचार, शिक्षा, रिटेल बिक्री क्षेत्रों में 2022 के समान महीनों की तुलना में अक्टूबर-नवंबर में क्रमशः 18 प्रतिशत, 17 प्रतिशत और 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। Hospitality, यात्रा, वाहन व वाहन सहायक जैसे क्षेत्रों में नियुक्ति की प्रवृत्ति स्थिर रही। रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच ऊर्जा कंपनियों द्वारा तेजी से विस्तार और देश भर में नई रिफाइनरियों की स्थापना से तेल तथा गैस क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में अक्टूबर-नवंबर में भर्तियों में नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी तरह दवा क्षेत्र में 2022 के समान महीनों के मुकाबले अक्टूबर-नवंबर में नई नौकरी की पेशकश में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
इन सेक्टर में नए लोगों की जबरदस्त मांग
नौकरी डॉट कॉम के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने कहा कि तेल और गैस, दवा और बीमा जैसे मुख्य गैर-आईटी क्षेत्रों में व्यस्त त्योहारी अवधि में स्वस्थ बढ़त देखना उत्साहजनक रहा। अक्टूबर की तुलना में नवंबर में आईटी में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हम अगले महीने के रुझानों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि अक्टूबर-नवंबर में आईटी क्षेत्र में कुल नियुक्तियां सालाना आधार पर 22 प्रतिशत कम आई। हालांकि, 2023 की पहली छमाही में पर्याप्त सुधार देखने के बावजूद इस क्षेत्र ने अक्टूबर की तुलना में नवंबर में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वहीं, सरकार, पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) और रक्षा उद्योगों में पिछले साल नवंबर की तुलना में इस साल नवंबर में नियुक्तियाँ 10 प्रतिशत घट गई हैं। टैलेंट मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर जॉब्स) के अनुसार, सरकारी नीतियां और पहल जैसे 'मेक इन इंडिया', आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) आदि रोजगार सृजन के समर्थन में रही हैं और इनसे देश में बेरोजगारी दर कम करने में काफी मदद मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आज देश के भीतर भारतीय उद्योगों, स्टार्टअप और विनिर्माण के लिए प्राप्त सहायता और समर्थन के कारण देश की आर्थिक संभावनाएं आशाजनक दिखाई दे रही हैं।