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भारत में पढ़े-लिखे लोग हैं अनपढ़ लोगों की तुलना में 9 गुना ज्यादा बेरोजगार, क्या है वजह?

Unemployment rate : भारत में लेबर की स्किल और बाजार में पैदा हो रही नौकरियों के बीच काफी मिसमैच है। रुझान बताते हैं कि भारत की खराब स्कूली शिक्षा समय के साथ उसकी आर्थिक संभावनाओं को बाधित करेगी।

Pawan Jayaswal Written By: Pawan Jayaswal
Updated on: March 30, 2024 11:10 IST
भारत में जॉब मार्केट- India TV Paisa
Photo:REUTERS भारत में जॉब मार्केट

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में उच्च शिक्षित युवाओं के बेरोजगार होने की दर उन लोगों की तुलना में अधिक है, जिन्हें कोई स्कूली शिक्षा नहीं मिली है। रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, पढ़े-लिखे ग्रेजुएट्स के लिए बेरोजगारी दर 29.1 प्रतिशत थी। यह दर उन लोगों की बेरोजगारी दर से लगभग नौ गुना अधिक है, जो पढ़ या लिख नहीं सकते हैं, जिनकी बेरोजगारी दर 3.4 प्रतिशत है। साल 2022 में 15 से 29 वर्ष की आयु वर्ग के युवा बेरोजगार भारतीयों का प्रतिशत घटकर 82.9 प्रतिशत हो गया था। साल 2000 में युवा बेरोजगार भारतीय 88.6 प्रतिशत थे। इसके अलावा, आईएलओ के आंकड़ों के अनुसार, शिक्षित युवाओं का प्रतिशत 2000 के 54.2 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गया है।

शहरों में अधिक है बेरोजगारी

रिपोर्ट में बताया गया है कि माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए बेरोजगारी दर छह गुना अधिक थी। यह 18.4 प्रतिशत थी। गौरतलब है कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 76.7 फीसदी थी। जबकि पुरुषों की 62.2 फीसदी थी। आईएलओ के आंकड़े ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की उच्च दर दिखाते हैं।

स्किल और जॉब्स के बीच मिसमैच

भारत के लेबर मार्केट पर आई नई आईएलओ रिपोर्ट बताती है कि लेबर की स्किल और बाजार में पैदा हो रही नौकरियों के बीच काफी मिसमैच है। यह रिपोर्ट आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन जैसे जाने-माने अर्थशास्त्रियों द्वारा सुझाई गई पूर्व चेतावनियों को भी ध्यान में लाती है। ये खतरनाक रुझान बताते हैं कि भारत की खराब स्कूली शिक्षा समय के साथ उसकी आर्थिक संभावनाओं को बाधित करेगी।

वैश्विक स्तर से अधिक है भारत में युवा बेरोजगारी

आईएलओ की रिपोर्ट में कहा गया, "भारत में बेरोजगारी मुख्य रूप से युवाओं में एक समस्या थी। खासकर माध्यमिक स्तर की शिक्षा या उससे अधिक शिक्षा प्राप्त युवाओं में और यह समय के साथ बढ़ती गई।" आंकड़े बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था गैर-कृषि सेक्टर्स में नए एजुकेटेड यूथ लेबर फोर्स के लिए पर्याप्त पारिश्रमिक वाली नौकरियां पैदा करने में असमर्थ रही है। यह उच्च और बढ़ती बेरोजगारी दर दुखद स्थिति को दर्शाती है। आईएलओ ने कहा, "भारत में युवा बेरोजगारी दर अब वैश्विक स्तर से अधिक है।''

फीमेल लेबर फोर्स में हमारा खराब प्रदर्शन

विश्व में फीमेल लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट को देखें, तो भारत 25 प्रतिशत के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करता है। हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के दौरान subsistence employment में "काफी वृद्धि" के बाद महिलाओं के बीच श्रम बल भागीदारी दर में सुधार हुआ था।

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