Saturday, April 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. मंदी के डर से थर्राया यूरोप, US Fed के बाद यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी बढ़ाई ब्याज दरें, क्या अब RBI की बारी?

मंदी के डर से थर्राया यूरोप, अमेरिका में भी बढ़ी ब्याज दरें, जानिए अब क्या करेगा RBI?

अमेरिका और यूरोप में मंदी और महंगाई के चलते ब्याज दरों में वृद्धि पर भारत का रिजर्व बैंक भी कड़ी नजर रखे हुए है। रिजर्व बैंक ने पिछली दो बैठकों में ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की है।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: July 27, 2023 20:07 IST
यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी बढ़ाई ब्याज दरें, क्या अब RBI की बारी?- India TV Paisa
Photo:FILE यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी बढ़ाई ब्याज दरें, क्या अब RBI की बारी?

दुनिया की आर्थिक महाशक्ति यूरोप इस समय आर्थिक मंदी के डर से थर्रा रहा है। यहां की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ब्रिटेन और जर्मनी पहले ही मंदी की चपेट में आ चुकी हैं। वहीं बढ़ती महंगाई और घटती ग्रोथ से पूरे यूरोप को संकट में डाल दिया है। इस बीच यूरोपीय संघ में बढ़ती महंगाई पर काबू पाने की कोशिश में लगे यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने मंदी की आशंकाओं के बीच बृहस्पतिवार को लगातार नौंवीं बार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी की। बता दें कि कल रात ही अमेरिकी सेंट्रेल बैंक यूएस फेडरल रिवर्ज ने भी महंगाई और मंदी के डर से ब्याज दरों में वृद्धि की है। 

अब भारतीय रिजर्व बैंक पर नजरें 

अमेरिका और यूरोप में मंदी और महंगाई के चलते ब्याज दरों में वृद्धि पर भारत का रिजर्व बैंक भी कड़ी नजर रखे हुए है। रिजर्व बैंक ने पिछली दो बैठकों में ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की है। लेकिन देश में महंगाई की मौजूदा स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि अगस्त में होने वाली बैठक में रिजर्व बैंक एक बार फिर कड़े फैसले ले सकता है। देश में इस समय आम आदमी की थाली की महंगाई चरम पर है। सब्जियों के अलावा दालें, चावल, गेहूं और मसालों की कीमत तेजी से बढ़ी हैं। जिसका असर जुलाई महीने के महंगाई के आंकड़ों में भी दिखाई दे सकते हैं। 

भारत के लिए हानिकारक होगी ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी

एक्सिस सिक्योरिटीज पीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि उम्मीद के अनुकूल है। उन्होंने कहा, ‘‘नीतिगत दर में बड़े स्तर पर वृद्धि और मुद्रास्फीति की चुनौतियों के कम होने को ध्यान में रखते हुए, अभी प्रमुख ब्याज दर में बढ़ोतरी की आवश्यकता नहीं है। दर में और वृद्धि आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं के लिए हानिकारक हो सकती है जिससे मुश्किल स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है।’’ 

लगातार नौंवी बार बढ़ीं ब्याज दरें 

ईसीबी ने नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की जिससे यह 4.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछले एक साल में ईसीबी ने उच्च मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए ब्याज दर में लगातार बढ़ोतरी की है। यूरोपीय केंद्रीय बैंक की इन कोशिशों का असर भी पड़ा है। गत वर्ष अक्टूबर में 10.6 प्रतिशत के उच्च स्तर तक पहुंच गई मुद्रास्फीति पिछले महीने घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि अब भी यह दो प्रतिशत की आदर्श स्थिति से बहुत अधिक है। 

3.75 फीसदी पर पहुंची ब्याज दरें 

इस दर वृद्धि के साथ ईसीबी ने पिछले एक साल में मानक जमा दर को 3.75 प्रतिशत पर पहुंचा दिया है जो वर्ष 1999 में यूरो मुद्रा का चलन शुरू होने के बाद से सर्वाधिक है। ईसीबी की अध्यक्ष क्रिस्टीन लैगार्ड ने इस फैसले पर कहा, "सितंबर की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक को लेकर हमारी सोच खुली हुई है। हम इसे बढ़ा सकते हैं या स्थिर भी रख सकते हैं। तत्कालीन आंकड़ों के आधार पर फैसला किया जाएगा।" 

US Fed ने भी बढ़ाईं ब्याज दरें 

ईसीबी का यह फैसला अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के दर वृद्धि के फैसले के एक दिन बाद आया है। फेडरल रिजर्व ने पिछली 12 बैठकों में से 11वीं बार नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि करते हुए 5.25-5.50 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही उसने अगली बैठकों में भी वृद्धि की संभावना को खुला रखा है। लैगार्ड ने यह स्वीकार किया कि यूरो क्षेत्र के लिए आर्थिक परिदृश्य खराब हुआ है और संक्षिप्त अवधि में इसके कमजोर ही बने रहने की आशंका है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के कम होने और आय बढ़ने की संभावना है जिससे अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी।

दुनिया के सामने महंगाई बड़ी चिंता 

कोटक महिंद्रा बैंक की इकाई कोटक चेरी के मुख्य कार्यकारी श्रीकांत सुब्रमण्यम ने कहा कि पिछली 12 नीतिगत बैठकों में यह 11वीं बढ़ोतरी है और एक और बढ़ोतरी की तैयारी है। उन्होंने कहा, ‘‘आपूर्ति में कटौती और चीन में पुनरुद्धार की उम्मीद के साथ कच्चे तेल के दाम में फिर से तेजी देखी जा रही है, इसके साथ जुलाई और अगस्त के मुद्रास्फीति आंकड़ों को देखना महत्वपूर्ण होगा।’’ सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत के संदर्भ में बारिश के कारण सब्जियों के दाम में तेजी और कच्चे तेल के दाम बढ़ने से मुद्रास्फीति दबाव बढ़ सकता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement