US Fed rate cut : शेयर बाजार की चाल इस बात पर निर्भर करेगी कि यूएस फेड की रेट कट के पीछे क्या मंशा रही है। अगर अमेरिकी केंद्रीय बैंक मंदी को देखते हुए तेज रेट कट सायकल की बात करता है, तो यह मार्केट के लिये निगेटिव न्यूज होगी।
US Fed rate cut : अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दर में बड़ी कटौती करता है, तो इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में गंभीर संकट का संकेत मिलेगा। इस पर बाजार निगेटिव रिस्पांस दे सकता है।
US Fed interest rate decision : वॉल स्ट्रीट का अनुमान था कि यूएस फेड ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा और इसे 5.25 फीसदी से 5.50 फीसदी पर यथावत रखेगा।
Rate Cut in US : पहले ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व मार्च से प्रमुख ब्याज दर में कटौती करना शुरू कर देगा। लेकिन अब ऐसे आसार नहीं लग रहे हैं। इकॉनोमी सुस्त नहीं हो रही है और महंगाई के संकेत देखने को मिल रहे हैं।
US Fed Interest Rate : यूएस फेड ने प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। अमेरिका की प्रमुख ब्याज दर 5.25 फीसदी से 5.50 फीसदी पर बनी हुई है। इस तरह यह 23 साल के उच्च स्तर पर है।
अमेरिका और यूरोप में मंदी और महंगाई के चलते ब्याज दरों में वृद्धि पर भारत का रिजर्व बैंक भी कड़ी नजर रखे हुए है। रिजर्व बैंक ने पिछली दो बैठकों में ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की है।
USE Fed Hike: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने महंगाई को 2 फीसदी तक लाने के लिए एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इसका असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिल सकता है।
US FED Hikes Rate: अमेरिका में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए फेड ने एक बार फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। अनुमान है कि आगे भी यह जारी रह सकती है।
फेडरल रिजर्व ने प्रमुख ब्याज दर को 5-5.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक को अब साल के अंत तक दो 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
श्रम विभाग ने कहा कि अप्रैल में भर्ती गतिविधियां ठोस रहीं जबकि फरवरी और मार्च के महीनों में इससे सुस्ती देखी गई थी। अप्रैल में प्रति घंटे का मेहनताना जुलाई के बाद सबसे तेजी से बढ़ा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में महंगाई बढ़ने की संभावना नहीं है क्योंकि वैश्विक मंदी की आशंका के चलते कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट आई है। वहीं, रुपया एक जोन में ट्रेड कर रहा है। ऐसे में फेड के इस फैसले से भारत में महंगाई बढ़ने की संभावना नहीं है।
इससे पहले बुधवार को बाजार लगातार तेजी के साथ बंद हुए। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 139.91 अंक यानी 0.24 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,214.59 अंक पर बंद हुआ।
यूएस फेड के इस निर्णय के बाद भारतीय रिजर्व बैंक पर भी ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बन गया है। इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार से एफआईआई की निकासी में भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
Fed Rate Hike: एक बार फिर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को Fed रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर है। यह भारतीय शेयर बाजार को भी प्रभावित करेगी।
अमेरिका मार्च 2022 के बाद से ब्याज दरों में 4.5 फीसदी का इजाफा कर चुका है। प्रमुख ब्याज दर बढ़ने से सरकारी बॉन्ड जैसी सिक्योरिटीज पर यील्ड बढ़ता है। जैसे-जैसे यील्ड बढ़ता है, पुरानी सिक्योरिटीज की मार्केट वैल्यू घटती जाती है।
पिछले साल फेडरल रिवर्ज और भारतीय रिजर्व बैंक लगभग कदम ताल कर रहे हैं। वहां फेड अपनी दरें बढ़ाता है और यहां भारत में आरबीआई भी दरें बढ़ाता है।
इस बढ़ोतरी के बाद भारत में भी ब्याज दर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। RBI की 3 नवंबर यानी आज से मौद्रिक समिति की विशेष बैठक हो रही है।
US फेडरल रिजर्व उम्मीद के विपरीत अधिक आक्रामक हुआ है और उसने नीतिगत दर साल के अंत तक बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत करने का संकेत दिया है।
US Fed: बीएसई सेंसेक्स 93.81 टूटकर 59,362.97 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एनएसई निफ्टी भी 27.75 अंक लुढ़कर 17,690.60 अंक पर पहुंच गया है।
यूरोप में यूक्रेन और रूस के बीच लंबे खिंचते युद्ध ने भी कच्चे तेल को स्थाई रूप से 100 डॉलर के पार पहुंचा दिया है। महंगे क्रूड के आयात के कारण इसी सप्ताह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 6 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है।
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