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FSSAI ने जारी किया निर्देश, ऐसे सामान के लिए पैकेट पर ‘गैर-डेयरी उत्पाद’ लिखना जरूरी

FSSAI: उत्पादों के लेबल पर मानकों के अनुरूप अम्लता, द्रव्यमान के अनुसार प्रोटीन और वसा का प्रतिशत, कुल ठोस द्रव्यमान के अनुसार प्रतिशत आदि का उल्लेख करना होगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Sep 19, 2022 17:00 IST, Updated : Sep 19, 2022 17:04 IST
FSSAI - India TV Paisa
Photo:FILE FSSAI

FSSAI: डेयरी सामान के उपयोग के बिना तैयार किण्वित सोयाबीन दही (फर्मेंटेड सोयाबीन कर्ड) बेचने वाले ब्रांड के लिए अब अपने उत्पादों के पैकेट पर स्पष्ट रूप से ‘गैर-डेयरी उत्पाद’ लिखना जरूरी होगा। ये नए नियम अगले साल एक अप्रैल से प्रभाव में आएंगे। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा 13 सितंबर को जारी अधिसूचना में यह बात कही गई हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि ‘यदि डेयरी सामान का उपयोग किए बिना फर्मेंटेड सोयाबीन दही/छेना बनाया गया हो, तो उसके लेबल पर ‘गैर- डेयरी उत्पाद’ की घोषणा जरूरी है। इसके अलावा यदि इनके विनिर्माण में कुछ मात्रा में डेयरी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, तो इस मात्रा का भी उल्लेख करना जरूरी होगा।

उत्पाद के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी

इसमें कहा गया है कि इन उत्पादों के लेबल पर मानकों के अनुरूप लैक्टिक एसिड के प्रतिशत के रूप में अम्लता, द्रव्यमान के अनुसार प्रोटीन और वसा का प्रतिशत, कुल ठोस द्रव्यमान के अनुसार प्रतिशत आदि का उल्लेख करना होगा। एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धाराओं में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य उत्पादक मानक एवं खाद्य को बेहतर बनाने वाले योजक) विनियम, 2011 में संशोधन किया है। इस विनियमन को अब खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पादक मानक एवं खाद्य को बेहतर बनाने वाले योजक) पहला संशोधन नियमन, 2022 कहा जायेगा। इसमें प्रस्तावित प्रावधान एक अप्रैल, 2023 से प्रभाव में आयेंगे । एफएसएसएआई की अधिसूचना में कहा गया है कि किण्वित सोयाबीन दही/छेना को सोयाबीन के जलीय तत्वों के फर्मेटेंशन से बनाया जाता है। यह किण्वन लैक्टिक एसिड के मिश्रित संवर्द्धन के माध्यम से होता है। यह उत्पाद सादा, मीठा या सुगंध मिश्रित किया गया हो सकता है।

सामग्री 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए

इसमें कहा गया है कि सोयाबीन से निकाली गई सामग्री में दूध या संघटित दूध मिलाया जा सकता है। लेकिन मिश्रण की स्थिति में इसकी मात्रा अंतिम उत्पाद के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिसूचना के अनुसार, किण्वित सोयाबीन दही/छेना को लैक्टिक एसिड एवं मिश्रित किस्मों के किण्वन द्वारा भी तैयार किया जाता है। यह सादा, मीठा या सुगंध मिश्रित हो सकता है। इसमें आम, संतरा, अनानास या अन्य फल हो सकते हैं। सोयाबीन से निकाली गई सामग्री में फिर से दूध/ संघटित दूध मिलाया जा सकता है।

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