फेस्टिव सीजन से पहले केंद्र सरकार की तिजोरी भरने लगी है। सितंबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से हुई वसूली ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2025 में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 9.1% की बढ़त के साथ 1.89 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह लगातार तीसरा महीना है जब जीएसटी कलेक्शन में दमदार उछाल देखने को मिला है।
सितंबर से पहले अगस्त में कुल जीएसटी कलेक्शन 1.86 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो पिछले साल अगस्त 2024 के 1.75 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 6.5% ज्यादा था। वहीं जुलाई में नेट कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा था। यानी लगातार तीन महीने टैक्स कलेक्शन मजबूत बना हुआ है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच कुल जीएसटी कलेक्शन 10.04 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि (9.13 लाख करोड़ रुपये) की तुलना में करीब 9.9% ज्यादा है।
बड़ा बदलाव
सितंबर का महीना केवल रिकॉर्ड कलेक्शन तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इस दौरान जीएसटी सिस्टम में ऐतिहासिक बदलाव भी किए गए। जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने के लिए 12% और 28% वाले स्लैब को खत्म कर दिया है। अब सिर्फ 5% और 18% की दरें लागू होंगी। इस फैसले के बाद कई रोजमर्रा के सामान और उपभोक्ता उत्पादों की कीमतें कम हो सकती हैं। हालांकि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, तंबाकू जैसे उत्पादों को हाई टैक्स स्लैब के दायरे में ही रखा गया है।
दीवाली गिफ्ट बना जीएसटी सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को दिल्ली के लालकिले से दिए गए भाषण में टैक्स सुधारों का ऐलान किया था। इसके बाद बनी मंत्रियों की समिति ने प्रस्ताव की समीक्षा की और 3-4 सितंबर को हुई बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। नया जीएसटी स्ट्रक्चर 22 सितंबर 2025 से लागू हो गया है।
इकोनॉमी के लिए पॉजिटिव सिग्नल
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सितंबर का मजबूत कलेक्शन बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ रही है और कारोबारी गतिविधियां तेजी पकड़ रही हैं। फेस्टिव सीजन में इससे और बेहतर नतीजे आने की उम्मीद है।






































