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'GST में कटौती के बाद लोगों को कीमतों में कमी दिखनी चाहिए', दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदुस्तान यूनिलिवर को लगाई फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट के दो जज की पीठ ने कहा कि कीमत कम नहीं होने पर लोगों को जीएसटी दर में कटौती का फायदा नहीं मिलता है। जीएसटी में कटौती का उद्देश्य सामान को लोगों के लिए किफायती बनाना है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Oct 01, 2025 09:44 am IST, Updated : Oct 01, 2025 09:44 am IST
Delhi high court- India TV Hindi
Image Source : DELHIHIGHCOURT दिल्ली हाईकोर्ट

हिंदुस्तान यूनिलिवर से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जीएसटी दरों में कमी का लाभ लोगों को मिलना चाहिए। अदालत ने साफ किया कि कीमतों में कटौती होना जरूरी है। पुरानी कीमत बरकरार रखते हुए प्रोडक्ट की मात्रा बढ़ाना सही तरीका नहीं है। हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड की एक वितरण कंपनी मेसर्स शर्मा ट्रेडिंग की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जीएसटी दरों में कटौती करने का मूल उद्देश्य सामान को आम लोगों की खरीद क्षमता के अनुरूप बनाना होता है। ऐसे में इसका उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब उसकी कीमतों में कमी की जाए।

क्या है मामला?

साल 2017 में जीएसटी की दरों में बदलाव के बाद वैसलीन पर लगने वाले टैक्स की दर 28 फीसदी से 18 फीसदी हो गई थी। हालांकि, वैसलीन ने अपने उत्पाद की कीमतें बरकरार रखीं। कीमत कम करने की बजाय कंपनी ने अपने उत्पाद की मात्रा बढ़ा दी। इसके साथ ही बेस प्राइस 14.11 रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ा दिया। ऐसे में राष्ट्रीय मुनाफाखोरी प्राधिकरण ने 2018 में फर्म पर 18 फीसदी ब्याज के साथ जुर्माना लगाया था और 5,50,186 रुपये उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ फर्म ने याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और जुर्माना बरकरार रखा।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

23 सितंबर (शुक्रवार) को फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति शैल जैन की पीठ ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती का मूल उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं को खरीदारों के लिए ज्यादा किफायती बनाना है। इस तरह के  तरीके जीएसटी में कटौती के उद्देश्य को बेअसर करते हैं। यह धोखाधड़ी के समान हैं और उपभोक्ता के विकल्पों को सीमित करते हैं। यह फैसला जीएसटी परिषद द्वारा 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी कर ढांचे में बड़े बदलाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण है, जिसमें बहु-स्लैब प्रणाली से मुख्य रूप से दो दरें, 5% और 18%, और विलासिता/अशुद्ध वस्तुओं के लिए 40% की दर लागू की गई है।

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