वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का निर्यात इस साल उछलकर 825 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। भारत के निर्यात में वृद्धि की वजह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) जैसे देशों के साथ फ्री ट्रेड एक्रीमेंट आने वाले महीनों में निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता इस साल एक अक्टूबर से लागू होने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि विश्व व्यापार गंभीर भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन भारत ऐसे समय में लगातार विजेता के रूप में उभरा है और देश का वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात निश्चित रूप से 2025-26 में 825 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
वैश्विक व्यापार में गिरावट की आशंका
गोयल ने कहा कि कुछ ग्लोबल एजेंसियों का अनुमान है कि वैश्विक व्यापार में गिरावट आएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया गंभीर भू-राजनीतिक चुनौतियों से गुजर रही है। इसलिए यह चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन भारत हमेशा चुनौतीपूर्ण समय में विजेता के रूप में उभरा है। हमने 2024-25 में रिकॉर्ड 825 अरब डॉलर का निर्यात किया। इस साल हमें और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। गत वित्त वर्ष के आंकड़े पार करने की संभावना संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से इसे पार करने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि अब (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी सरकार ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, ईएफटीए, यूरोपीय संघ (ईयू), यूएई, ओमान, पेरू और चिली जैसे विकसित देशों/क्षेत्रों के साथ एफटीए कर रही है। गोयल ने कहा कि यहां हम सहयोग करते हैं, कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। इसलिए हम अच्छी तरह से सोची-समझी रणनीति के साथ एफटीए कर रहे हैं।
सर्विस सेक्टर से भी मिलेगा सहयोग
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अनुमान के अनुसार, देश के समग्र वस्तु एवं सेवा निर्यात के 2025-26 में सालाना आधार पर 21 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। फियो के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय खरीदारों द्वारा अपने स्रोतों में विविधता लाने की चाहत के कारण यह अच्छी वृद्धि संभव हो सकी है।



































