ब्रिटेन सरकार की ओर से बताया गया कि भारत सरकार अधिकारियों की एक टीम एफटीए पर बातचीत करने के लिए लंदन भेजी गई है।
उन्होंने बताया कि चॉकलेट निर्माता बैरी कैलेबाउट ग्रुप 2024 तक भारत में अपनी तीसरी विनिर्माण इकाई चालू करने के लिए तैयार है। इसके साथ पिछले करीब पांच वर्षों में कंपनी का भारत में निवेश पांच करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगा।
India और EFTA के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। इस समझौते के तहत भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश होगा। वहीं, ईएफटीए देशों के लिए आयात शुल्क हटाया गया है।
समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ यानी ईएफटीए के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है।
रिपोर्ट में कहा गया, हर कोई भारत के साथ एफटीए करना चाहता है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन देशों के लिए भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ‘व्यापार समझौते के लिए भारत-पेरू वार्ता का छठा दौर 12 से 14 फरवरी 2024 तक पेरू की राजधानी लीमा में हुई ताकि 2017 में शुरू की गई वार्ता पर प्रगति जारी रहे। 2017 में वार्ता प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा की गई थी।’
अपने दौरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख कंपनियों के उद्योगपतियों से मुलाकात की।
वाणिज्य मंत्री गोयल ने यह भी बताया कि अमेरिका की आईफोन विनिर्माता कंपनी एप्पल भारत में अपने परिचालन का लगातार विस्तार कर रही है और भारत सरकार उसके कारोबार को समर्थन देने के लिए कंपनी के संपर्क में बनी हुई है।
ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में यह पहली बार है कि उसने किसी देश के लिए 100 प्रतिशत टैरिफ लाइन खोलने का फैसला लिया है। ऐसे में इस फैसले से भारत को बड़ा लाभ मिलने वाला है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा कि विश्व के बहुत से देश भारत को एक भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई देश भारत का बिजनेस पार्टनर बनना चाहते हैं।
स्वीडन ने शुक्रवार को कहा कि भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द अंतिम रूप देना उसकी प्राथमिकता होगी। यदि ऐसा हुआ तो भारतीय निर्यातकों को यूरोप में चीन की बादशाहत को खत्म करने में मदद मिलेगी।
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने एफटीए के लिए दीपावली की समय सीमा समाप्त होने के बाद से ब्रिटेन सरकार के रुख को दोहराया कि वह जल्द समझौता करने के लिए हित से कोई समझौता नहीं करेंगे।
एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।
दुनियाभर के देश एफटीए करने को बेताब हैं और इन समझौतों से निवेश बढ़ता है, ऐसा मानना गलत है।
सुनक ने एफटीए के लिए दीपावली की समय सीमा समाप्त होने के बाद से ब्रिटेन सरकार के रुख को दोहराया कि वह जल्द समझौता करने के लिए हित से कोई समझौता नहीं करेंगे।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जीसीसी को भारत से किया जाने वाला निर्यात 2021-22 में 58.26 फीसदी बढ़कर करीब 44 अरब डॉलर हो गया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ की ओर से कहा गया है कि भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौत पर तेजी से काम हो रहा है।
भारत और ब्रिटेन ने इस साल जनवरी में औपचारिक रूप से द्विपक्षीय व्यापार और 2030 तक 100 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू की।
FTA:उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने इस समझौते को दिवाली तक पूरा करने की जो समयसीमा तय की हुई है, वह एक ‘शुभ तिथि’ साबित होगी।
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