जयशंकर ने कहा कि हम परिस्थितियों और चुनौतियों से निपटने, खुद के लिए सोचने और अनिवार्य रूप से अपनी क्षमताओं और दुनिया से क्या लाभ उठाने में सक्षम हैं, के आधार पर फैसला लेने के लिए तैयार हैं।
दुनिया के कई देशों के साथ भारत ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किए हैं। वहीं कई देशों के साथ अभी बातचीत चल रही है। इसका फायदा भारतीय निर्यातकों को होगा। इस साल निर्यात बढ़ने का अनुमान है।
व्हिस्की की चुस्की लगाने वालों के लिए अच्छी खबर है। भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के बाद व्हिस्की की बोलत की कीमत कम हो सकती है।
ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते के तहत स्कॉच व्हिस्की पर भारत द्वारा सहमत शुल्क में कमी से घरेलू प्रीमियम कैटेगरी के व्हिस्की ब्रांड प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि कम कीमत वाली स्कॉच व्हिस्की की आमद की संभावना है।
भारत-ब्रिटेन एफटीए एक ऐतिहासिक सौदा प्रतीत होता है जो वस्तुओं, सेवाओं और गतिशीलता में आपसी व्यापार के विभिन्न पहलुओं को कवर करता है और यह विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण में योगदान देगा।
प्लास्टिक, हीरा, चांदी, बेस स्टेशन, स्मार्टफोन, टेलीविजन कैमरा ट्यूब, ऑप्टिकल फाइबर, ऑप्टिकल फाइबर बंडल और केबल जैसे संवेदनशील औद्योगिक सामान को एफटीए की लिस्ट से बाहर रखा गया है।
भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 21.34 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों में वस्तुओं का व्यापार 21.33 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने कहा कि अगर कुछ मुद्दे जो व्यापार के लिए बहुत अहम नहीं हैं, उन्हें हल करने में कुछ और समय लग सकता है, तो बेहतर है कि मुख्य व्यापार मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।
17 साल से भी ज्यादा समय से भारत-ईयू एफटीए जटिल वार्ताओं का विषय रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा वैश्विक वाणिज्य, सतत विकास और समृद्धि को बढ़ावा देगा।
ट्रम्प ने 17 सितंबर को भारत को आयात शुल्क का ‘‘दुरुपयोग करने वाला’’ करार दिया था। यह दावा उनके अक्टूबर 2020 के बयान से मेल खाता है जिसमें उन्होंने भारत को ‘‘किंग ऑफ टैरिफ्स’’ करार दिया था।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) एक ऐसा कारोबारी समझौता है, जिसके तहत द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है। इसके लिए टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव या कमी लाई जाती है। यह दो या दो से अधिक देशों और समूहों के बीच हो सकता है।
India maldives free trade agreement : मालदीव के साथ एफटीए की मांग को लेकर भारत का कथित प्रयास पिछले साल नवंबर से दोनों देशों के बीच चल रहे राजनयिक विवाद की पृष्ठभूमि में आया है।
Free trade agreement : भारत का आयात वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच करीब 37.97 प्रतिशत बढ़कर 187.92 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
ब्रिटेन सरकार की ओर से बताया गया कि भारत सरकार अधिकारियों की एक टीम एफटीए पर बातचीत करने के लिए लंदन भेजी गई है।
उन्होंने बताया कि चॉकलेट निर्माता बैरी कैलेबाउट ग्रुप 2024 तक भारत में अपनी तीसरी विनिर्माण इकाई चालू करने के लिए तैयार है। इसके साथ पिछले करीब पांच वर्षों में कंपनी का भारत में निवेश पांच करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगा।
India और EFTA के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। इस समझौते के तहत भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश होगा। वहीं, ईएफटीए देशों के लिए आयात शुल्क हटाया गया है।
समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ यानी ईएफटीए के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है।
रिपोर्ट में कहा गया, हर कोई भारत के साथ एफटीए करना चाहता है। इसकी मुख्य वजह भारत का उच्च आयात शुल्क है, जिससे इन देशों के लिए भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मुश्किल हो जाती है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ‘व्यापार समझौते के लिए भारत-पेरू वार्ता का छठा दौर 12 से 14 फरवरी 2024 तक पेरू की राजधानी लीमा में हुई ताकि 2017 में शुरू की गई वार्ता पर प्रगति जारी रहे। 2017 में वार्ता प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा की गई थी।’
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