Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारतीय बैंकों ने RBI से लगाई गुहार, कर्ज से जुड़े इस काम के लिए मांगा और समय

भारतीय बैंकों ने RBI से लगाई गुहार, कर्ज से जुड़े इस काम के लिए मांगा और समय

नई व्यवस्था के लागू होने पर बैंक को नुकसान के प्रावधान को लेकर कर्ज के फंसे ऋण में तब्दील होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : May 16, 2023 19:15 IST, Updated : May 16, 2023 19:17 IST
RBI- India TV Paisa
Photo:FILE RBI

बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज के एवज में प्रावधान के लिये नई व्यवस्था अपेक्षित कर्ज नुकसान लागू करने को लेकर एक साल का और समय देने का आग्रह किया है। फिलहाल बैंक कर्ज के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति यानी फंसे ऋण में तब्दील होने पर प्रावधान करते हैं। वहीं नई व्यवस्था के लागू होने पर बैंक को नुकसान के प्रावधान को लेकर कर्ज के फंसे ऋण में तब्दील होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें अनुमान के आधार पर अपेक्षित कर्ज नुकसान का अनुमान लगाना आवश्यक है और उसके आधार पर प्रावधान करना होगा। ऐसा माना जा रहा है कि इससे बैंकों के लाभ पर एकबारगी प्रभाव पड़ेगा। 

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मुख्य कार्यपालक सुनील मेहता ने यहां वित्तीय प्रौद्योगिकी पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने नियामक से इस नई व्यवस्था को लेकर बैंकों को तैयार होने के लिये कुछ और समय देने का आग्रह किया है।’’ यह पूछे जाने पर कि इसके लिये बैंकों को कितना समय चाहिए, मेहता ने कहा, ‘‘हमने उनसे एक और साल का समय देने का आग्रह किया है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक नई व्यवस्था अपनाने के लिये स्वयं को तैयार करेंगे। 

मेहता ने कहा, ‘‘बैंक क्षेत्र पहले से इसके लिये तैयारी कर रहे हैं। कुछ बैंकों ने तो व्यवस्था तैयार भी कर ली है।’’ भारतीय रिजर्व बैंक अपेक्षित कर्ज नुकसान (ईसीएल) व्यवस्था को लेकर पहले ही प्रस्तावित दिशानिर्देश जारी कर चुका है। हालांकि, निश्चित समयसीमा के बारे में अभी निर्णय किया जाना है। 

इस बीच, मेहता ने कहा कि आरबीआई से मंजूरी मिलने के बाद रूसी निवेशकों ने भारत सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास अतिरिक्त पैसा है और इसीलिए उन्होंने स्थानीय बॉन्ड में निवेश किया है। वे रूसी बैंक हैं और वे सभी हमारे सदस्य हैं। आरबीआई ने व्यवस्था बनायी है जिसके तहत जो भी व्यापार अधिशेष है, वह आप सरकारी बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं।’’

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement