Sunday, December 15, 2024
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8% की रफ्तार से भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक कर सकती है तरक्की, सुब्रमण्यम को भरोसा, जानें भारत के लिए क्या कहा

सुब्रमण्यन ने कहा कि अगर भारत 8 प्रतिशत की दर से बढ़ता है, तो साल 2047 तक भारत 55 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। ऐतिहासिक रूप से 1991 के बाद से, भारत की औसत वृद्धि 7 प्रतिशत से थोड़ी अधिक रही है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Mar 28, 2024 14:19 IST, Updated : Mar 28, 2024 14:51 IST
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यन।- India TV Paisa
Photo:FILE अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यन।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा काफी मजबूत है। ऐसा संकेत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यन ने गुरुवार दिया।  सुब्रमण्यन ने कहा कि अगर देश पिछले 10 सालों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर सके और सुधारों में तेजी ला सके तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक 8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सुब्रमण्यम ने आगे कहा कि स्पष्ट रूप से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर महत्वाकांक्षी है, क्योंकि भारत पहले लगातार 8 प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ पाया है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है।

तब 55 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत

खबर के मुताबिक,उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2023 के आखिरी तीन महीनों में उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले डेढ़ साल में सबसे तेज़ गति है। अक्टूबर-दिसंबर में विकास दर ने चालू वित्त वर्ष के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक ले जाने में मदद की। सुब्रमण्यन ने कहा कि अगर भारत 8 प्रतिशत की दर से बढ़ता है, तो साल 2047 तक भारत 55 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक रूप से 1991 के बाद से, भारत की औसत वृद्धि 7 प्रतिशत से थोड़ी अधिक रही है।

देश की जीडीपी का लगभग 58 प्रतिशत घरेलू उपभोग से

सुब्रमण्यम ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है क्योंकि देश की जीडीपी का लगभग 58 प्रतिशत घरेलू उपभोग से आता है। उन्होंने कहा कि इसलिए, आप जानते हैं, हमारे पास क्षमता है अगर हम पर्याप्त नौकरियां पैदा कर सकें, तो आप जानते हैं, इससे बहुत अधिक खपत होगी। भारत के आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक ने रोजगार सृजन के लिए विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर जोर दिया।

उनका यह भी कहना था कि भूमि, श्रम, पूंजी और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुधार की जरूरत है। सुब्रमण्यन ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में सुधार की जरूरत है, लेकिन साथ ही, हमें विनिर्माण क्षेत्र के लिए ऋण प्रदान करने के लिए अपने बैंकिंग क्षेत्र में भी सुधार की जरूरत है।

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