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दुनिया 2% के लिए जूझ रही हम 7% से कर रहे ग्रोथ, 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की होगी इकॉनमी

केंद्र सरकार ने ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें पिछले 10 वर्षों की भारत की जर्नी के साथ ही आने वाले समय में इकोनॉमी को लेकर अनुमान बताए गए हैं।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Jan 30, 2024 10:37 IST, Updated : Jan 30, 2024 10:37 IST
भारतीय अर्थव्यवस्था- India TV Paisa
Photo:FILE भारतीय अर्थव्यवस्था

सरकार ने इकोनॉमिक सर्वे की जगह एक स्पेशल रिपोर्ट जारी की है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (CEA Nageswaran) द्वारा तैयार इस रिपोर्ट का नाम ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ है। 74 पेज की इस रिपोर्ट में पिछले 10 वर्षों की भारत की जर्नी के बारे में बताया गया है। साथ ही आने वाले वर्षों में इकोनॉमी कैसी रहेगी, इसकी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के दूसरे चैप्टर में सरकार की नीतियों और विभिन्न सेक्टर्स में प्रोग्रेस का रिव्यू किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 3 साल में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा। साथ ही साल 2030 तक देश 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।

तेजी से हो रही तरक्की

नागेश्वरन ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत वैश्विक भू-राजनैतिक तनाव का सामना करने के लिए काफी आश्वस्त है और देश ने कमजोर स्थिति से स्टेबिलिटी और स्ट्रेंथ देखी है। रिपोर्ट में कहा गया, 'पिछले दो वर्षों में भारत द्वारा कच्चे तेल की आपूर्ति को उचित मूल्यों पर सुनियोजित तरीके से नियंत्रित करना उल्लेखनीय है। युवा भारतीय न केवल बेहतर जीवन की आकांक्षा रखते हैं, बल्कि उन्हें विश्वास भी है कि यह उनके जीवनकाल में ही होगा।

7% या इससे ऊपर रहेगी ग्रोथ रेट

रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024 के लिए 7 फीसदी या इससे ऊपर की ग्रोथ रेट रहने का अनुमान लगाया गया है। सीईए ने कहा कि कुछ अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भी 7 फीसदी ग्रोथ रेट रह सकती है। यह अनुमान सही रहता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के बाद लगातार चौथे साल 7 फीसदी या उससे अधिक की ग्रोथ रेट से बढ़ेगी। 

2% ग्रोथ के लिए संघर्ष कर रही वैश्विक इकोनॉमी

नागेश्वरन ने कहा, 'जब वैश्विक अर्थव्यवस्था 4 फीसदी की दर से बढ़ रही थी, उस समय भारत का 8-9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ना अलग बात है। वहीं, जब वर्ल्ड इकोनॉमी 2 फीसदी की ग्रोथ के लिए संघर्ष कर रही है, तब भारत का 7 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ना स्पेशल है।'

लाल सागर संकट के कारण वापस आईं सप्लाई चेन की चिंताएं

सीईए ने कहा कि लाल सागर की हालिया घटनाओं ने ग्लोबल सप्लाई चेन्स पर निर्भरता से जुड़ी चिंताएं वापस ला दी हैं। इसने 2023 में वैश्विक व्यापार में धीमी ग्रोथ को आगे और बढ़ा दिया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था लगातार झटकों के कारण कोविड के बाद की रिकवरी को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। सप्लाई चेन से जुड़ी बाधाएं में 2024 में फिर वापस आ गई हैं।

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