देश की राजधानी दिल्ली को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बड़े लेवल पर काम चल रहा है। इसी सिलसिले में शहर की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने के लिए PWD ने महात्मा गांधी रोड एलिवेटेड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए DPR तैयार करने के लिए कंसल्टेशन कंपनी AECOM India को जिम्मेदारी सौंपी है। डीपीआर यानी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 24 हफ्तों में पूरी हो जाएगी और इसमें 3D मॉडल, टेक्निकल डिजाइन और लागत अनुमान शामिल होंगे। डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद एलिवेटेड रिंग रोड कॉरिडोर का निर्माण कार्य अलग-अलग चरणों में शुरू होगा। बताते चलें कि दिल्ली के महात्मा गांधी रोड को रिंग रोड के नाम से जाना जाता है।
क्या बोले दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा
दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने रविवार को कहा कि ये प्रोजेक्ट सरकार के स्मार्ट, सुरक्षित और तेज दिल्ली बनाने के दृष्टिकोण को दर्शाती है। मंत्री ने कहा, "एईसीओएम के डीपीआर में यातायात विश्लेषण, पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव अध्ययन, और ग्रेड विभाजक, अंडरपास, पैदल यात्री क्षेत्र और स्मार्ट सिग्नल प्रणाली के प्रस्ताव शामिल होंगे। कंसल्टेशन कंपनी इस सड़क मार्ग को दिल्ली मेट्रो और अन्य सार्वजनिक परिवहन से जोड़कर अंतिम छोर तक आसान और सुचारू संपर्क सुनिश्चित करेगी।"
55 किमी लंबा है दिल्ली का रिंग रोड
दिल्ली का रिंग रोड निगम बोध घाट से शुरू होकर बुराड़ी तक लगभग 55 किलोमीटर लंबा है। एक अधिकारी ने इस साल सितंबर में बताया था कि प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई लगभग 80 किलोमीटर हो सकती है, जिसमें रैंप, लूप और अतिरिक्त कनेक्टिंग सड़कें शामिल होंगी, जिससे बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और कई भारी जाम वाली जगहों पर ट्रैफिक का फ्लो आसान होगा। बताते चलें कि ये दिल्ली की सबसे प्रमुख सड़कों में से एक है और शहर में एम्स, आश्रम, सराय काले खां, पंजाबी बाग और लाजपत नगर जैसे प्रमुख जगहों को जोड़ती है। नए प्रोजेक्ट से दिल्ली में यात्रा का समय कम होगा, ईंधन की खपत घटेगी और वायु गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे भारत में टिकाऊ शहरी परिवहन का नया मानक स्थापित होगा।



































