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ICICI-वीडियोकॉन मामले में CBI के आरोप पत्र में कई चौंकाने वाले आरोप, चंदा कोचर ने ली 64 करोड़ की 'रिश्वत'

पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार कोचर और धूत फिलहाल जमानत पर हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Aug 06, 2023 13:45 IST, Updated : Aug 06, 2023 13:45 IST
आईसीआईसीआई बैंक- India TV Paisa
Photo:FILE आईसीआईसीआई बैंक

वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत ने एक फ्लैट को लेकर बहस के दौरान आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से कहा था कि वह जेल में ''इंद्राणी मुखर्जी के साथ कमरा साझा करेंगी।'' आईसीआईसीआई बैंक के कथित ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई के आरोपपत्र में यह बात कही गई है। आरोपपत्र के अनुसार, यह बात सुनकर दीपक कोचर बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने धूत से कहा कि उनकी सलाह मानें या फिर वह उन्हें ''बर्बाद'' कर देंगे। एक गवाह के बयान का हवाला देते हुए यह बात कही गई है।  आरोपपत्र के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए कर्ज से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का एनपीए बन गया। दस हजार पन्नों से अधिक लंबा आरोपपत्र हाल ही में यहां सीबीआई मामलों की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर किया गया। आरोपपत्र में कहा गया है कि कोचर ने कथित रूप से 64 करोड़ रुपये की "रिश्वत" ली और इस तरह अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे बैंक को नुकसान पहुंचा। 

फिलहाल जमानत पर हैं कोचर और धूत

पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार कोचर और धूत फिलहाल जमानत पर हैं। अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तारी हुईं थीं और उसके बाद छह साल से अधिक समय तक भायखला जेल में बंद थीं। उन्हें मई 2022 में उच्चतम न्यायालय ने जमानत दी थी। कोचर मामले में 10,000 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र हाल ही में यहां एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर किया गया। एक गवाह के बयान के मुताबिक धूत और दीपक कोचर के बीच यहां चर्चगेट इलाके में सीसीआई चैंबर्स में एक फ्लैट को लेकर झगड़ा हुआ था। गवाह ने बयान में कहा कि धूत ने दीपक कोचर को बताया कि उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक होम फाइनेंस लिमिटेड को 5.38 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और फ्लैट का मालिकाना हक विवाद से मुक्त कराया है और यह उनका है। 

बर्बाद करने की दी गई थी धमकी

बयान के मुताबिक, ''इस पर दीपक कोचर गुस्सा हो गए और उन्होंने वी एन धूत को क्वालिटी एप्लायंस प्राइवेट लिमिटेड के सभी शेयर 11 लाख रुपये के अंकित मूल्य पर बेचने के लिए कहा, इस तरह फ्लैट उनके (दीपक के) पारिवारिक ट्रस्ट क्वालिटी एडवाइजर को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर चंदा आईसीआईसीआई बैंक में उनके ऋण खातों को एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) घोषित कर देंगी।'' इस पर ''वी एन धूत ने उनसे (दीपक) कहा कि फ्लैट को इस तरह से स्थानांतरित न करें (कि) चंदा एक दिन मुसीबत में पड़ जाए और उन्हें इंद्राणी मुखर्जी के साथ कमरा साझा करना पड़े। इस पर दीपक कोचर बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने वी एन धूत से कहा कि उनकी बात मान लें, अन्यथा वह उन्हें बर्बाद कर देंगे।'' 

मामूली राशि पर करोड़ों के फ्लैट का ट्रांसपर

जांच एजेंसी ने कहा कि चंदा कोचर मुंबई में वीडियोकॉन समूह के स्वामित्व वाले एक फ्लैट में रहती थीं। बाद में फ्लैट को अक्टूबर 2016 में 11 लाख रुपये की मामूली राशि पर उनके पारिवारिक ट्रस्ट (दीपक कोचर इसके प्रबंध ट्रस्टी थे) को हस्तांतरित कर दिया गया, जबकि 1996 में इसका वास्तविक मूल्य 5.25 करोड़ रुपये था। सीबीआई के आरोप पत्र के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए कर्ज से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का एनपीए बन गया। दस हजार पन्नों से अधिक लंबा आरोपपत्र हाल ही में यहां सीबीआई मामलों की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर किया गया। आरोपपत्र में कहा गया है कि कोचर ने कथित रूप से 64 करोड़ रुपये की "रिश्वत" ली और इस तरह अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे बैंक को नुकसान पहुंचा। 

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