Saturday, April 27, 2024
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आम जनता को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने बनाया प्लान, गेहूं और चावल की कीमतों में आएगी बड़ी गिरावट

Modi Government: जमाखोरी रोकने और बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने 12 जून को गेहूं पर तत्काल प्रभाव से मार्च 2024 तक भंडारण सीमा लगा दी थी।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: June 23, 2023 22:25 IST
Modi government- India TV Paisa
Photo:FILE Modi government

Wheat and Rice  Price: केंद्र, गेहूं और चावल की बढ़ती खुदरा कीमतों को कम करने के उपायों के तहत बफर स्टॉक से थोक उपभोक्ताओं एवं व्यापारियों को चार लाख टन गेहूं और पांच लाख टन चावल बेचेगा। यह बिक्री जल्द होने वाली नीलामी के पहले दौर में की जाएगी। एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार खुदरा कीमतों को कम करने के लिए हर संभव उपाय करेगी और इसमें गेहूं के शुल्क में कटौती करना भी शामिल है। खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 28 जून को गेहूं की और पांच जुलाई को चावल की ई-नीलामी करेगी। इसके लिए जल्द ही निविदा जारी किए जाएंगे। एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के.मीणा ने यहाँ संवाददाताओं से कहा कि हम गेहूं और चावल की खुदरा कीमतों में तेजी की प्रवृत्ति देख रहे हैं। सरकार ने हमें खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएमएसएस) शुरू करने का निर्देश दिया है। हमारा ध्यान खुदरा कीमतों को नीचे लाने पर है। 

जमाखोरी रोकने पर सरकार कर रही काम

जमाखोरी रोकने और बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने 12 जून को गेहूं पर तत्काल प्रभाव से मार्च 2024 तक भंडारण सीमा लगा दी थी। इसने ओएमएसएस के तहत केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी निर्णय लिया। केंद्र ने ओएमएसएस के तहत थोक खरीदारों को चावल बेचने का फैसला किया था लेकिन कुल मात्रा निर्दिष्ट नहीं की थी। हम आज रात (शुक्रवार) गेहूं के लिए निविदा जारी कर रहे हैं और चार लाख टन के लिए पहले दौर की नीलामी 28 जून को होगी। पांच लाख टन चावल की नीलामी पांच जुलाई को होगी। इस ई-नीलामी में खरीदार, अधिकतम 100 टन अनाज के लिए बोली लगा सकते हैं। छोटे गेहूं प्रसंस्करणकर्ताओं और व्यापारियों के लिए न्यूनतम मात्रा 10 टन रखी गई है। गेहूं का आरक्षित मूल्य, उचित एवं औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) अनाज के लिए 2,150 रुपये प्रति क्विंटल और कुछ कमजोर विशिष्टताओं (यूआरएस) वाले गेहूं के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। चावल का आरक्षित मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। 

इस नियम को करना होगा फॉलो

गेहूं की जमाखोरी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि नीलामी में भाग लेने के लिए गेहूं स्टॉक निगरानी प्रणाली वाले पोर्टल में घोषणा करना अनिवार्य है। ओएमएसएस के माध्यम से बेचे जाने वाले चावल की कुल मात्रा के बारे में पूछे जाने पर, मीना ने कहा कि यह अभी तक तय नहीं किया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार के पास अतिरिक्त 87 लाख टन गेहूं और 292 लाख टन चावल है, जिसका इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ओएमएसएस के लिए किया जा सकता है। यह अधिशेष खाद्यान्न मात्रा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (खाद्य कानून), अन्य कल्याणकारी योजनाओं और बफर स्टॉक मानदंडों के तहत आवश्यकता को पूरा करने के बाद है। एफसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने उम्मीद जताई कि इससे खुदरा कीमतें जल्द ही कम होंगी। मीणा ने कहा कि खुदरा कीमतों को नीचे लाने के लिए जरूरत पड़ने पर गेहूं पर आयात शुल्क में कटौती सहित सभी उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल किया जाएगा।

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