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आइसक्रीम के शौकीनों के लिए आई बुरी खबर, गर्मी में दूध दही घी मक्खन भी कर सकते हैं जेब ठंडी

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। वर्ष 2021-22 में उत्पादन 22.1 करोड़ टन रहा, जो पिछले वर्ष के 20.8 करोड़ टन के उत्पादन से 6.25 प्रतिशत अधिक था।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Apr 08, 2023 14:23 IST, Updated : Apr 08, 2023 14:26 IST
गर्मी में आइसक्रीम से लेकर दही घी मक्खन के बढ़ सकते हैं दाम- India TV Paisa
Photo:FILE गर्मी में आइसक्रीम से लेकर दही घी मक्खन के बढ़ सकते हैं दाम

दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश भारत में इस साल दूध को लेकर संकट का सामना करना पड़ सकता है। पिछले साल लंपी वायरस के चलते हुई लाखों दुधारू पशुओं की मौत और चारे की कमी के चलते भारत में इस साल दूध की कमी होने के आशंका बढ़ गई है। वहीं डेयरी इंडस्ट्री को इस साल मांग में कोई कमी आती नहीं दिख रही है। ऐसे में आने वाले समय में दूध और दूध से बने डेयरी उत्पादों जैसे आइसक्रीम, दही, घी, पनीर और मक्खन के दाम गर्मी और बारिश के सीजन में बढ़ सकते हैं। 

दूध को लेकर बढ़ रही आशंकाओं और आयात से जुड़ी खबरें आने के बाद केंद्र, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ डेयरी उत्पादों की आपूर्ति-मांग के अंतर की निगरानी में जुट गया है और स्थिति के आधार पर आयात के बारे में कोई निर्णय लेगा। 

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। वर्ष 2021-22 में उत्पादन 22.1 करोड़ टन रहा, जो पिछले वर्ष के 20.8 करोड़ टन के उत्पादन से 6.25 प्रतिशत अधिक था। हालांकि, वर्ष 2022-23 में उत्पादन स्थिर रहने या मामूली वृद्धि होने का अनुमान है। इसका प्रमुख कारण पिछले साल आई लंपी स्किन डिजीज है जिसमें लाखों गायों को जान गंवानी पड़ी थी। 

रिजर्व बैंक को महंगाई बढ़ने का डर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘मांग-आपूर्ति संतुलन तंग रहने और चारा लागत के दबाव के कारण दूध की कीमतें भी गर्मी के मौसम में मजबूत बने रहने की संभावना है।’’ रिजर्व बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा था कि दिसंबर 2022 से मुद्रास्फीति बढ़ी है, जिसका कारण अनाज, दूध और फलों में कीमतों को लेकर दबाव है। 

डेयरियों को महंगा मिल रहा है दूध 

इस बारे में मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने कहा, ‘‘डेयरी क्षेत्र एक अभूतपूर्व समय से गुजर रहा है। दूध और दुग्ध उत्पादों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, साथ ही कच्चे दूध की खरीद कीमतों में भी काफी वृद्धि हो रही है।’’ इसके अलावा, उन्होंने कहा कि अनिश्चित जलवायु परिस्थितियां मवेशी चारे की उपलब्धता को प्रभावित कर रही हैं, जिससे लागत और बाद में कच्चे दूध की कीमतें बढ़ रही हैं। बंदलिश ने कहा कि मानसून की प्रगति के साथ-साथ चारे की उपलब्धता कीमतों के लिए निर्णायक कारक होगी। उन्होंने कहा कि कंपनी मौजूदा स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और यह सुनिश्चित करेगी कि बाजारों को पर्याप्त आपूर्ति मिले। 

सरकार कर सकती है आयात का फैसला 

इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए) के अध्यक्ष आर एस सोढ़ी ने कहा कि सरकार मामले पर गौर कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार आयात की अनुमति देने का फैसला करती है, तो हमें उम्मीद है कि किसानों को उनके द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले दूध की कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’’ 

पिछले साल कंपनियां बढ़ा चुकी हैं दाम 

अमूल और मदर डेयरी जैसी प्रमुख दुग्ध सहकारी समितियों ने सितंबर 2022 से दो और तीन चरणों में खुदरा कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की, इसके बाद अन्य राज्य सहकारी समितियों ने कच्चे माल की लागत में वृद्धि को दूध कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया। 

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