
PAN कार्ड और आधार के बिना आज के समय में कोई भी वित्तीय काम पूरा करना संभव नहीं है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने पैन और आधार को लिंक करने का फैसला किया था। हालांकि, बहुत सारे लोगों ने अपना पैन अभी भी आधार के साथ लिंक नहीं किया है। ऐसे लोगों का पैन कार्ड निष्क्रिय हो गया है। इसके बावजूद भी जो लोन निष्क्रिय (Inactive) पैन का इस्तमेमाल वित्तीय लेन-देन में कर रहे हैं, उन पर अब आयकर अधिनियम की धारा 272बी के तहत सख्त कार्रवाई हो सकती है। इस धारा के तहत ऐसे प्रत्येक लेन-देन पर ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सरकार ने इस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है।
पैन-आधार लिंक नहीं?
आयकर विभाग का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति निष्क्रिय पैन का इस्तेमाल करता है- खास तौर पर उच्च मूल्य के लेनदेन में तो उस पर हर मामले में अलग से जुर्माना लगाया जा सकता है। इसमें बैंक खाता खोलना या उसका संचालन करना, शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश करना, संपत्ति खरीदना, लोन के लिए आवेदन करना और आयकर रिटर्न दाखिल करना जैसे लेनदेन शामिल हैं।
पैन निष्क्रिय कैसे हो जाता है?
अगर आपने अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया है, तो उसे निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है। ऐसे पैन अब ज़्यादातर टैक्स और वित्तीय उद्देश्यों के लिए अमान्य हो गए हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस निष्क्रिय पैन से वित्तीय इस्तेमाल करते हैं, तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
दो पैन रखना भी गलत
अगर किसी व्यक्ति के पास दो पैन है तो यह गलत है। करदाता को एक पैन सरेंडर कर देना चाहिए। अगर वह गलती करते पकड़ा जाता है तो उसे उस कृत्य के पीछे का कारण बताने का मौका देने के बाद जुर्माना तय किया जाएगा। अगर कारण वास्तविक है और गलती से गलती हुई है, तो उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। इसलिए अगर किसी करदाता के पास दो पैन हैं, तो उसे 'मौजूदा पैन डेटा में बदलाव या सुधार/पैन कार्ड का पुनर्मुद्रण' भरकर और जमा करके अतिरिक्त पैन के सरेंडर के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहिए।